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बूंदी में छेड़ा ‘आओ हम भी करें कन्यादान’ अभियान

locationबूंदीPublished: Jul 29, 2021 09:12:16 pm

कोविड महामारी में नन्हीं उम्र में अपने पिता का साया उठने से बेसहारा हुई बेटियों की सहायता के लिए बूंदी में बुधवार को ‘आओ हम भी करें कन्यादान’ अभियान छेड़ा गया।

बूंदी में छेड़ा ‘आओ हम भी करें कन्यादान’ अभियान

बूंदी में छेड़ा ‘आओ हम भी करें कन्यादान’ अभियान

बूंदी में छेड़ा ‘आओ हम भी करें कन्यादान’ अभियान
कोविड महामारी में पिता का साया उठने से नन्ही आयु में बेसहारा हुई बेटियों के लिए जनसहयोग से करेंगे मदद
जन्म से पहले पिता को खोने वाली 32 दिन की नन्हीं जागृति की मदद को आए सोनी दंपती, विधवा मां की भर आई आंखें
बूंदी. कोविड महामारी में नन्हीं उम्र में अपने पिता का साया उठने से बेसहारा हुई बेटियों की सहायता के लिए बूंदी में बुधवार को ‘आओ हम भी करें कन्यादान’ अभियान छेड़ा गया। शहर के सिद्धिविनायक खोजागेट गणेश मंदिर पर मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा-अर्चना व कन्यापूजन के साथ कोविड से बेसहारा हुई बेटियों की मदद के लिए आमजन के सहयोग से इस अभियान की शुरुआत की गई।
बूंदी के 40 वर्षीय महेश सोनी व पत्नी सुनीता सोनी ने कोविड में अपने पिता के असामयिक निधन से बेसहारा हुई 32 दिन की नन्हीं जागृति की मां सुनिता रैगर को बेटी के नाम एफडी के लिए 25 हजार रुपये की राशि का चैक व दो सौ रुपये इस माह की आरडी की राशि सौंपी। इस मदद को देख दु:खी मां की आंखें भर आई। गणेश मंदिर में विधिवत मंत्रोच्चार के साथ सोनी दम्पती ने बेसहारा बेटी की मदद का संकल्प लिया, खिलौने तथा नए कपड़े भी भेंट किये। इस अवसर पर बेसहारा बेटियों की मदद का बीड़ा उठाने वाले कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा, पार्षद अंकित बूलीवाल, मोहनीश नायक, सादिक खान मौजूद रहे।
मां के गर्भ में ही बेसहारा हो गयी थी जागृति
महामारी से इससे बड़ी क्षति क्या होगी कि मां के गर्भ में ही एक संतान के सिर से पिता का साया उठ गया। धरती पर कदम रखने से पहले ही नवजात बेसहारा हो गई। तालेड़ा निवासी 31 वर्षीय धर्मराज रैगर की गत 28 अप्रेल को बूंदी जिला अस्पताल में कोविड से मृत्यु हो गई। उस समय पत्नी सुनीता 7 माह की गर्भवती थी। विधि की विडंबना देखिये कि 26 जून 2021 को जागृति का जन्म हुआ उससे दो माह पहले ही उसके पिता चल बसे।
प्रत्येक बेसहारा बेटी की सहायता का लक्ष्य
अभियान की शुरुआत के बाद शर्मा ने बताया कि अल्पायु में ही अपने पिता का साया उठने से बेसहारा हुई बेटियों की यह जिम्मेदारी सभी को मिलकर उठानी होगी। उन्होंने कहा कि बूंदी जिले की हर बेसहारा बेटी की सहायता हमारा लक्ष्य रहेगा।
इस तरह होगा बेटियों का कल्याण
‘आओ हम भी करे कन्यादान’ अभियान में ऐसी सरल योजना तैयार की गयी जिसमें कोई भी व्यक्ति बेसहारा बेटी के लिये अपना योगदान देकर भागीदारी निभा सकेगा। अभियान में बेसहारा बेटी के नाम पर ही दानदाता की ओर से 25 हजार रुपये की एफडी करवाई जाएगी और सुकन्या समृद्धि योजना में 200 रुपये प्रतिमाह अपनी धर्म की बेटी के खाते में बेटी के 20 वर्ष की होने तक जमा करवाए जाएंगे। विवाह के समय यह राशि बेसहारा बेटी का सहारा बनेगी और कन्यादान के समय दानदाता भी उपस्थित रहकर अपनी धर्मबेटी को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। मानवसेवा का भाव रखने वाले लोगों से अपने पिता को खो चुकी बेसहारा बच्चियों की मदद करवाने के अभियान की जिम्मेदारी सामाजिक सरोकारों से जुड़े बूंदी के कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने ली।

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