माहेश्वरी पंचायत संस्थान के तत्वावधान में चल रहे महेश नवमी महोत्सव के तहत रविवार को खेल संकुल में ट्रेक एन्ड फील्ड प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बालक- बालिकाओं, युवकों व महिलाओं ने दौड़ लगाकर अपनी प्रतिभा दिखाई।
बूंदी. माहेश्वरी पंचायत संस्थान के तत्वावधान में चल रहे महेश नवमी महोत्सव के तहत रविवार को खेल संकुल में ट्रेक एन्ड फील्ड प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बालक- बालिकाओं, युवकों व महिलाओं ने दौड़ लगाकर अपनी प्रतिभा दिखाई। मीडिया प्रभारी नारायण मण्डोवरा ने बताया कि प्रतियोगिता का शुभारम्भ पंचायत अध्यक्ष भगवान बिरला, सचिव सुनील जैथलिया, महिला मंडल अध्यक्ष रचना बाहेती, सचिव चित्रा बिरला ने किया।संयोजक पुरुषोत्तम हल्दिया ने बताया कि ट्रेक व फील्ड प्रतियोगिता में 50 मीटर 3 फीट में प्रथम अविक जागेटिया द्वितीय लव्यांश बागला रहे।बालिका वर्ग में नायशा प्रथम ईक्षिता
द्वितीय रही।
100 मीटर 4 फीट तक में प्रथम पुलकित रहे द्वितीय अक्षय ईनाणी रहे । बालिका वर्ग में प्रथम निशा बिड़ला द्वितीय गौरवी बाहेती रही।100 मीटर 5 फिट में श्रीहन प्रथम व कान्हा बाहेती द्वितीय रहे। बालिका वर्ग में कृतिका प्रथम ध्रुविका द्वितीय रही। 100 मीटर 5 फिट से अधिक में प्रथम यश लढ़ा द्वितीय सौम्य कासट व तृतीय अनमोल बाहेती रहे ।बालिका वर्ग में आरवी व गौरी प्रथम रही मनस्वी जाजू द्वितीय व सुहाना माहेश्वरी तृतीय रही।100मीटर विवाहित महिलाओं में प्रथम सलोनी करवा द्वितीय मिनी मंत्री रही ।100 मीटर दौड़ 50 वर्ष से अधिक में ममता जाजू प्रथम व मधु दाखेड़ा द्वितीय रही।पुरुष वर्ग में प्रथम भगवान झंवर द्वितीय अनन्त तोषनीवाल रहे।
कथा में पतिव्रता स्त्री की महिमा बताई
बूंदी. नगर परिषद की गली गोपीनाथ स्थल में चल रही 18 वर्षीय धुणी तपो साधना के उपलक्ष में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन रविवार को भक्तजनों ने भजनों पर नृत्य किए। पंडित शिवलहरी गौतम ने कहा कि जब नवधा भक्ति किसी के जीवन में आती है तो भगवान को आना ही पड़ता है कथा में वट सावित्री व्रत जिसमें पतिव्रता स्त्री की महिमा बताई। सृष्टि का विस्तार की कथा सुनाई। पं .गौतम ने कहा कि मनु शतरूपा से हमारी सृष्टि हुई है। हम सभी को मनुष्य क्यों कहते हैं? क्योंकि हम सभी मनु महाराज की संतान हैं। इसलिए हम सभी को मनुष्य कहा जाता है।
उन्होंने ध्रुव कथा सुनाते हुए कहा ध्रुव एक दिन अपने पिता की गोदी में बैठने जा रहे थे,तभी उनकी मौसी ने यह कहकर निकाला कि अगर तुझे राज गद्दी पर बैठना है तो पहले भगवान की तपस्या कर और भगवान से वरदान मांग कि मेरे गर्भ से जन्म ले फिर तुझे यह राज गद्दी मिलेगी। ध्रुव रोते-रोते मां के पास आए और कहा की मां मौसी ने मुझे डांटा,मां ने समझाया की बेटा मौसी ने सही ही तो कहा है यदि तू भगवान को पा लेगा तो ऐसी गद्दी और गोदी तेरे आगे पीछे रहेगी। इससे यह शिक्षा मिलती है कि अगर कोई हमसे उल्टा भी कुछ कहे पर उसे जो ज्ञानी व्यक्ति होता है। वह उसी बात को बुरे तरीके से ना लेकर के अच्छा समझ करके अच्छी दिशा में मोड़ देते है। कथा में आरती बाबा श्रवण दास,बाबा रामप्रिय दास,रामदास,रूद्रेश दाधीच,नितेश शर्मा नीटू, बाबूलाल कालपुरिया व अशोक तलवास ने उतारी।