जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने 10 जनवरी को नोटिस जारी कर दिया था। इसके बाद 11 फरवरी तक यह तक नहीं हो पाया कि किससे कितनी वसूली की जानी है। ऐसे में विकास अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। और ना ही इस बारे में जिला परिषद प्रशासन को अवगत कराया गया।
पंचायत समिति तालेड़ा की ग्राम पंचायत लक्ष्मीपुरा, रघुनाथपुरा, बरूंधन, खड़ीपुर और धनेश्वर में घटिया निर्माण और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शिकायतें मिली थीं। जांच रिपोर्ट में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, सहायक अभियंता और कनिष्ठ तकनीकी सहायक को दोषी पाया गया। बावजूद इसके, अब तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।
पंचायत समिति तालेड़ा की ग्राम पंचायतों में घटिया निर्माण और वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जिला परिषद के आदेशों की अवहेलना सामने आई है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा द्वारा 10 जनवरी को पंचायत समिति तालेड़ा की विकास अधिकारी नीता पारीक को गबन की गई राशि की वसूली के निर्देश दिए गए थे, लेकिन निर्धारित समय तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
लक्ष्मीपुर, बरूंधन, रघुनाथपुरा और खडीपुर ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितता हुई है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी का आदेश मिला था, लेकिन अभी यह तक नहीं हो पाया है कि सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, सहायत अभियंता एवं कनिष्ठ तकनीकी सहायक से कितनी-कितनी राशि वसूल की जानी है। इसके लिए कमेटी गठित कर दी गई है। संभवतया शुक्रवार को अलग अलग राशि के नोटिस जारी कर दिए जाएंगे।
नीता पारीक, विकास अधिकारी, तालेड़ा
रवि वर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, बूंदी