
Rajasthan News: सब कुछ ठीक रहा तो अब आने वाले समय में प्रदेश के 62 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी की समस्या नहीं रहेगी। निदेशालय ने सभी जिलों में उपनिदेशकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने के लिए आंगबाड़ी केंद्र चिंहित करने के निर्देश दिए हैं। निदेशालय ने केद्रों की सूची जिला परिषद को उपलब्ध कराने को कहा हैं, ताकि जिला परिषद मनरेगा के तहत वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने की प्रक्रिया शुरू कर सके।
मुख्यालय की ओर से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के आदेश मिलते ही विभागीय अधिकारियों ने इस पर अमल करते हुए ब्लॉक से जानकारी मांगना शुरु कर दिया है। इसके बाद ऐसे केंद्रों की सूची संबंधित ग्राम सभाओं के माध्यम से उनकी कार्ययोजना में स्वीकृत करवाकर सूची जिला परिषदों को उपलब्ध कराने के निर्देश है, ताकि वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा सके।
राजस्थान में 61 हजार 885 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इसमें से 26 हजार 981 विभागीय भवन में चल रहे है। वहीं 365 परियोजना कार्यालय संचालित हो रहे है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर में पानी की समस्या बनी हुई है। इसमें से कुछ केंद्र या तो स्कूलों में संचालित है या फिर किराए की बिल्डिंग में संचालित है। आदेश में पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों का सर्वे कर उन्हें चिह्नित करने करने के निर्देश दिए गए है। प्रदेश में सबसे ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्र राजधानी में 4254 है। वहीं सबसे कम जैसलमेर में 804 केंद्र संचालित है।
राजस्थान के कई आंगनबाड़ी केंद्रों में नलकूप सूखने के साथ ही कुओं का जल स्तर नीचे चला गया है। इस कारण पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। बारिश का जल व्यर्थ ही बह जाता है इसे ध्यान में रखते हुए आंगनबाड़ी केद्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने का निर्णय किया गया है। ज्यादातर जगहों पर स्थापित या सरकारी भवनों में स्थानांतरित आंगनबाड़ी केंद्रों में जल संकट है।
जिले में 1205 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इनमें से 337 विभागीय भवन में संचालित है। इसमें से 60 केंद्रों में पानी की समस्या बनी हुई है। शेष भवनों में जल जीवन मिशन के तहत पानी के कनेक्शन हो गए है। जिन भवनों में पानी की समस्या है वहां विभाग टेंकर या अन्य माध्यम से जल उपलब्धता कराता है। ऐसे में इन भवनों में अगर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनने से बच्चों को शुद्ध पानी मिल सकेगा और पानी की समस्या भी खत्म होगी।
विभागीय भवन - 337
शेष भवन (स्कूलों में या किराए की बिल्डिंग में संचालित) - 870
पानी की समस्या - 60 केंद्रों
जिले में कुल बच्चे - करीब 30 हजार
Updated on:
25 Oct 2024 09:34 am
Published on:
24 Sept 2024 04:59 pm
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