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अभिभावकों के बनेंगे ग्रुप, स्मार्ट होंगी आंगनबाड़ी

महिला एवं बाल विकास आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत बनाने के लिए नित नए प्रयोग कर रहा है। केंद्रों में पढऩे वाले 3 से 6 साल के बच्चों के अभिभावकों को भी पहली बार केंद्र की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।

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बूंदी

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pankaj joshi

Oct 15, 2024

अभिभावकों के बनेंगे ग्रुप, स्मार्ट होंगी आंगनबाड़ी

महिला एवं बाल विकास विभाग

बूंदी. महिला एवं बाल विकास आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत बनाने के लिए नित नए प्रयोग कर रहा है। केंद्रों में पढऩे वाले 3 से 6 साल के बच्चों के अभिभावकों को भी पहली बार केंद्र की गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए सोशल मिडिया ग्रुप बनाकर समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करने वाली कार्यकर्ता और अभिभावकों को जोड़ा जाएगा। ग्रुप के जरिए स्मार्ट आंगनबाड़ी कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। सामुदायिक भागीदारी कार्यक्रम भी किए जाएंगे। जिला प्रशासन अनुमति मिलने के बाद रॉकेट लर्निंग संस्था ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है।

आंगनबाड़ी महिला पर्यवेक्षकों व कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। जिले में 1205 आंगनबाडी केंद्र में 3 से 6 आयु वर्ष के 31 हजार 960 बच्चे पंजीकृत है। जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 साल के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा प्रदान की जाती है। इसके अन्तर्गत बच्चों को खेल-खेल में पांच आयामों पर समय सारणी के अनुसार गतिविधियां आयोजित करवाई जाती है। इसमें बच्चों के चहुंमुखी विकास के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के साथ अभिभावकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। केंद्रों पर समय-समय पर स्वास्थ्य की जांच और टीकाकरण करवाया जाता है। प्रतिदिन उन्हें पोषाहार भी दिया जाता है।

प्रक्रिया शुरू
महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार जिले में 1205 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। सभी में कार्यकर्ता या सहायिका कार्यरत है, ऐसे में अभिभावकों के ग्रुप बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फि लहाल जिला मुख्यालय में इस पर कार्य शुरू किया गया है। जल्द ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावकों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

प्रतिदिन गतिविधियां करनी होगी अपलोड
आंगनबाड़ी केंद्रों पर इस प्रयोग से बच्चे खेल के साथ पढ़ाई में निपुण बनेंगे। ग्रुप में प्रतिदिन बच्चों को कराई जाने वाली गतिविधियों की जानकारी अपलोड करनी होगी, इससे बच्चे के अभिभावक भी जान सकेंगे कि बच्चे ने केंद्र पर क्या सीखा है। इससे काम में भी पारदर्शिता आएगी। साथ ही अन्य गतिविधियों की जानकारी साझा होने से अभिभावक मॉनिटरिंग भी कर सकेंगे।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यकर्ताओं द्वारा अभिभावकों के ग्रुप बनाकर बनाना है। इस पर प्रतिदिन बच्चों को कौनसी गतिविधि कराई गई, इसकी जानकारी अपलोड करनी है। ग्रुप बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे बच्चे खेल-खेल के साथ पढ़ाई में भी निपुण बन सकेंगे। साथ ही हर गतिविधियों पर अभिभावकों की निगाहें रहेगी।
ऋचा चतुर्वेदी, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास बूंदी