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स्कूल में कमरों का अभाव, घट रहा नामांकन

क्षेत्र के चीता की झोपड़ियां में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कमरों की कमी के चलते अभिभावक अपने बच्चों की टीसी कटवाकर अन्यत्र विद्यालय में भेजने को मजबूर हैं।

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बूंदी

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pankaj joshi

Jul 14, 2025

स्कूल में कमरों का अभाव, घट रहा नामांकन

देई. राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चीता की झौंपडियां में टीनशेड के नीचे बैठकर पढ़ते बच्चे।

देई. क्षेत्र के चीता की झोपड़ियां में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कमरों की कमी के चलते अभिभावक अपने बच्चों की टीसी कटवाकर अन्यत्र विद्यालय में भेजने को मजबूर हैं। पूर्व में विद्यालय में 8 कमरे थे। सन् 2018 में तेज बारिश के कारण भवन जर्जर होने से प्रशासन के द्वारा नकारा घोषित कर भवन को जमींदोज करवा दिया है। बाद में सरकार द्वारा डीएमएफटी योजना से 24.29 लाख रुपए से 3 कमरों की स्वीकृति जारी कर निर्माण करवाया।

कमरे 2, कक्षाएं 8
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कमरों के अभाव के चलते 3 वर्षों में लगातार नामांकन घट रहा है। सत्र 2023-24 में 121, सत्र 2024-25 में 104, सत्र 2025-26 में घटकर 89 रह गया। बारिश के समय सभी कक्षाओं का संचालन कमरे में होता है। कक्षा 1से 5 तक एक कमरे में व कक्षा 6,7,8 दूसरे कमरे एक साथ बैठाया जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होने से अभिभावक टीसी कटवाकर अन्यत्र जगह अपने बच्चों को भेज रहे है। राज्य सरकार प्रवेशोत्सव अभियान चलाकर सरकारी विद्यालय में नामांकन बढाने की बात करती हैं। शिक्षा के नाम करोड़ों रुपए का बजट पेश करती है, विद्यालय के पास भवन तक नहीं है

पांच कमरों की आवश्यकता
विद्यालय में तीन कमरे उपलब्ध है, जिसमे दो कमरों में कक्षा संचालन व एक कमरे में प्रधानाध्यापक कक्ष व रसोईघर का संचालन किया जा रहा है। इसलिए एक कमरे में दो-दो कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है अन्य चार कक्षाओं का संचालन टिनशेड के नीचे किया जा रहा है। बारिश के दिनों में बहुत समस्या आती है, जिससें बच्चो की पढाई बाधित होने के कारण पूर्व की अपेक्षा नामांकन घट रहा है पांच नवीन कमरों की आवश्यकता है।
रामस्वरूप मीणा, प्रधानाध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, चीता की झोपड़ियां