
बूंदी. आध्यात्मिक दृष्टि से भारत दुनिया में सदैव अग्रणी रहा है समय -समय पर यहां कई एेसे महापुरुषों ने जन्म लिया जिनके कारण देश का गौरव बढ़ा। इन्ही में से एक है प्राणी मात्र को संसार रूपी सागर से पार लगाने वाले भगवान महावीर जो २४वें तीर्थकर कहलाएं। भगवान महावीर के सिद्धांत जीवन को आलोकित ही नहीं बल्कि आदर्श जीवन की ओर भी अग्रसर करते हैं।
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मन और तन दोनों का विज्ञान महावीर के बताए मार्ग से समझा जा सकता है। अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह, सत्य और ब्रह्मचर्य जीवन का प्रबंधन आसान कर देते हैं, तो उपवास, शाकाहार रात्रि भोजन का त्याग जैसी जीवनशैली सेहत के लिए वरदान बनी है। इस पर पत्रिका ने जाने समाजनों से उनके विचार।
सत्य-
यह मंत्र व्यापार व व्यावसायिक जीवन में बेहद उपयोगी है। झूठ के सहारे आप लंबे समय तक सफल नहीं रह सकते। जबकि सत्य के बल पर आपका व्यक्तित्व कारोबार काफी तरक्की कर सकता है। इसलिए हमेशा सत्य को अपनाएं।
अहिंसा-
दूसरों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने के साथ उनके प्रति हीन विचार रखना भी अहिंसा की श्रेणी में आता है। अगर आप किसी के खिलाफ षड्यंत्र या गुस्सा करते हैं, तो यह भी हिंसा ही है। इसे अपनाएं आपका जीवन ही बदल जाएगा।
अस्तेय-
यह मंत्र व्यक्ति को चोरी की बुरी आदत छोडऩे के लिए प्रेरित करता है। व्यापार व कारोबार बढऩे के लिए कालाबाजारी मिलावट आदि से धन अर्जित कर तरक्की करने वाले व्यक्ति कभी जीवन में सफल नहीं होते इसलिए धर्म आचरणों में अस्तेय को प्रमुखता दी गई है।
अपरिग्रह-
अगर हममें त्याग करने की प्रवृत्ति आ जाए तो हम दूसरों का जीवन संवार सकते हैं। कई लोग सुख सुविधाओं में पूरा जीवन निकाल देते हैं। अगर हम भोजन का कुछ हिस्सा दूसरों के लिए छोड़ देते हैं तो इससे समाज की तस्वीर ही बदल जाएगी।
ब्रहचर्य-
व्यक्ति में संयम का होना बहुत जरूरी है। महावीर स्वामी का यह मंत्र अपनाकर मनुष्य तनाव व बुराई जैसी प्रवृत्तियों से दूर रह सकता हैं। इससे व्यक्तित्च में निखार आएगा।
सूर्यास्त से पहले भोजन-
रात को किया गया भोजन डाइजिस्ट होने में समय लेता है। जैन धर्माबंलबी सूर्यास्त से पहले ही भोजन करते हैं इससे डायबिटीज, मोटापा, ब्लड प्रेशर, ऑवर इंटिंग जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
उपवास-
वैज्ञानिक दृष्टि से उपवास को शरीर के लिए उचित माना गया है। एक उपवास रखने से शरीर का संतुलन बना रहता है। इससे मनुष्य को अधिक वसा बढऩे की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है।
शाकाहारी-
शुद्ध व शाकाहरी भोजन करने से पाचन क्रिया ठीक रहती है। एेसा कहते हैं कि शाकाहारी भोजन करने से मनुष्य की आयु लंबी होती है। हालांकि इस पर प्रमाण नहीं आए लेकिन इन पर शोध हो रहे हैं।
स्वस्थ जीवन का फंडा-
जैन धर्म में एेसी कई परम्पराएं हैं जो स्वस्थ व निरोगी रखने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। इससे चिकित्सक पूरी तरह सहमत हैं। समय से भोजन करना शाकाहारी अपनाकर उपवास और नियमों का पालन करना जैसी प्रमुख बातों को अपनाने से मनुष्य को फायदा पहुंचाती है।
Published on:
28 Mar 2018 08:36 pm
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