
choot mata ka mela
बूंदी. मन में श्रद्धा लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त ढोक लगाते शुक्रवार को मां के दरबार में पहुंचे। बूंदी शहर में निषेधाज्ञा और एक दिन पहले तक गर्माया माहौल भी आस्था के आगे बौना रहा। दर्शन के लिए दूरदराज से लोग बाणगंगा स्थित चौथमाता के दर्शनों को पहुंचे। अल सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो मध्यरात्रि तक जारी रहा। तेज सर्दी भी भक्तों की आस्था को कम नहीं कर पाई।
माता के जयकारे लगाते भक्त, जगह-जगह लोक गीतों की बिखरती छटा, थिरकते श्रद्धालुओं ने जोश दोगुना कर दिया। इस दौरान पग-पग पर भंडारे लगे। शहर के मीरा गेट से बाणगंगा पहाड़ी तक के करीब छह किलोमीटर के रास्ते पर श्रद्धालुओं का रैला नजर आया। आस्था का यह अद्भुत नजारा हर किसी को रोमांचित करता दिखा। देशी-विदेशी सैलानियों ने भी मां के दर्शन किए और मेले का लुत्फ उठाया।
पुलिस जाप्ता रहा तैनात
कोटा रेंज से करीब 12 सौ जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहे। शहर में मीरा गेट से ही वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। कोतवाली, सदर व महिला थाना प्रभारी सुरक्षा बंदोबस्त में तैनात रहे।
सेवा का जज्बा
मंदिर में लगे मेले के दौरान लोगों में सेवा का जज्बा देखने को मिला। भंडारे, पेयजल व कई खाने पीने की स्टॉल लगाई गई। विभिन्न संगठनों ने जुड़े लोग सेवाओं में जुटे रहे।
झूले-चाट पकौड़ी का लिया लुत्फ
प्रकृति की गोद में समाहित मंदिर परिसर में मेले का आयोजन भी हुआ। बच्चों से लेकर युवा, बुजुर्ग व महिलाओं ने झूले और चाट-पकौड़ी का आनंद लिया। यहां मेले में लोगों ने ऊंट की सवारी भी की। मेले में जिलेभर से आए व्यवसायियों ने दुकानें लगाई। मेले में लोगों ने खरीदारी भी की।
श्रद्धालुओं से अटी सीढिय़ां
नन्हें बच्चों को गोद में लिए लोग दूर-दूर से चौथ माता मंदिर पहुंचे। मार्ग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहा। मीरा गेट से ब्रह्मपुरी इलाके तक वाहनों की आवाजाही बंद रही। ऐसे में भक्त करीब पांच किमी पैदल चलकर मंदिर तक पहुंचे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दलेलपुरा की तरफ से भी मंदिर तक पहुंचे। मां के लिए चुनरी, हलवा, सोलह शृंगार सहित अन्य सामग्री मंदिर में भेंट की।
प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे
जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) नरेश मालव व (सिलिंग) ममता तिवारी, उपखंड अधिकारी दिवांशु शर्मा, हिण्डोली की उपखंड अधिकारी पूजा सक्सेना, लाखेरी की उपखंड अधिकारी गरिमा लाटा, कृषि अधिकारी शंकरलाल जांगिड़, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी ओमप्रकाश गोस्वामी आदि मंदिर पहुंचे। व्यवस्थाओं पर निगरानी रखी।
मंदिर का करा रहे निर्माण
समिति अध्यक्ष गोपाल गुर्जर ने बताया कि मंदिर की भव्यता दिनों-दिन बढ़ रही है। करीब पांच सौ साल प्राचीन इस मंदिर में भक्तों ने खूब मदद की। आने वाले समय में हर वर्ष लगने वाले तीन दिवसीय मेले में भक्तों के रुकने की भी व्यवस्था रहेगी।
लगाए भण्डारे
राष्ट्र्रीय राजमार्ग 52 पर सुबह से ही श्रद्धालुओं के लिए भण्डारे खोले गए थे। भण्डारों पर हलवे की व्यवस्था की गई।
बही भजनों की बयार
शहर के ब्रह्मपुरी इलाके से लेकर माता मंदिर तक लोगों ने सजावट की। कुछ जगहों पर आकर्षक झांकियां भी सजाई गई। दर्शनों के लिए आने-जाने वाले श्रद्धालु रास्ते में भक्तिमय माहौल में झूमते नजर आए।

Published on:
06 Jan 2018 03:54 pm
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