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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: कर्नाटक पहले, राजस्थान दूसरे नंबर पर, हर दिन मिलते हैं 500 रुपए, टूल किट खरीदने के लिए 15,000 रुपए

जिला कलक्टर स्तर पर तीन लाख 31 हजार 567 व्यक्तियों का सत्यापन करवाया जा रहा है। अब तक प्रदेश में कुल 21 हजार 958 लोगों को ऋण वितरण किया जा चुका है।

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Cooperative department is a big hurdle in the benefit of farmers in MP

Cooperative department is a big hurdle in the benefit of farmers in MP

PM Vishwakarma Yojana 2025: देश में चल रही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कर्नाटक पहले और राजस्थान दूसरे नंबर पर है। यह योजना 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारत के पारम्परिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त और कौशल को निखारकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना में प्रदेश में कुल 20 लाख 48 हजार 389 प्रार्थना पत्र मिले थे, जिसमें 14 लाख 53 हजार 993 का सत्यापन हो चुका है।

जिला कलक्टर स्तर पर तीन लाख 31 हजार 567 व्यक्तियों का सत्यापन करवाया जा रहा है। अब तक प्रदेश में कुल 21 हजार 958 लोगों को ऋण वितरण किया जा चुका है। जबकि 27 हजार 512 के लिए ऋण स्वीकृ़त हो चुका है। प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या एक लाख 32 हजार 869 है।


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यह है शामिल

इस योजना में बढ़ई, दर्जी, लोहार, सुनार, कुम्हार, राज मिस्त्री, खिलौना निर्माता, मोची, मूर्तिकार, टोकरी, चटाई और झाड़ू बनाने वाले व अन्य पारंपरिक हस्तशिल्पी सहित कुल 18 कार्य करने वाले वर्गों को शामिल किया है।


’प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत ऋण व सुविधा मिलने पर दस्तकार हाथ से बने उपकरणों से कार्य करेंगेे जिससे गांव के दस्तकार समृद्धशाली बनेंगे।

प्रभु लाल सैनी, प्रदेश समन्वयक विश्वकर्मा योजना

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यह है योजना

इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और ट्रेनिंग मुफ्त में प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रतिदिन 500 रुपए दिए जाते हैं। साथ ही टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपए बैंक के माध्यम से मिलेगी।

इस योजना के अंतर्गत विश्वकर्मा समुदाय के लोग निशुल्क में ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं। वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 5 प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। यह ऋण दो चरणों में दिया जाता है।