
Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana" दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के इलाज में सरकार सहयोगी बनेगी। ऐसे बच्चों को आईडेंटिफाई कर सरकार उन्हें आर्थिक सहायता देगी। मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे जो दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित हैं, उनके परिवारों को पात्रतानुसार निरन्तर आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसार सरकार ने 58 तरह की बीमारियों को दुर्लभ माना है। योजना से लाभान्वित करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं विभाग की ओर से ऐसे बच्चों को आईडेंटिफाई किया जा रहा है। कुछ आवेदन भी विभाग को प्राप्त हुए हैं।
दुर्लभ बीमारियों से पीडि़तों को आर्थिक सहायता देने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन दुर्लभ बीमारी निधि का गठन किया जाएगा। इस निधि में राज्य सरकार से अनुदान के अलावा क्राउड फंडिंग, भामाशाहों व सीएसआर से प्राप्त राशि को जमा कर पीडि़तों की सहायता की जाएगी।
आवेदन के आधार पर सभी तथ्य सही व पाए जाने पर प्रक्रिया के तहत पीडि़त को प्रति माह 5000 रुपए की राशि दी जाएगी। पीडि़त का 50 लाख रुपए तक उपचार करवाया जाएगा। योजना के तहत दुर्लभ बीमारी के प्रमाणन के लिए केन्द्र व राज्य की ओर से घाेषित चिकित्सा संस्थाओं के सक्षम अधिकारी अधिकृत होंगे।
18 वर्ष से कम आयु, राजस्थान के मूल निवासी, योजनान्तर्गत सक्षम चिकित्सा अधिकारी की ओर से दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने का प्रमाण पत्र जरूरी होगा। बीमारी का उपचार होने पर सहायता बंद हो जाएगी। पालनकर्ता, बालक/बालिका के दुर्लभ बीमारी से पीडित होने की स्थिति में जनाधार नम्बर से ई-मित्र अथवा स्वयं की एसएसओ आईडी से बायोमैट्रिक या ओटीपी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।
सहायता के लिए सरकार ने दुर्लभ बीमारियों को सूचिबद्ध किया है। यहां अभी तक चार आवेदन प्राप्त हुए हैं।विभाग की ओर से भी चिकित्सा विभाग के माध्यम से सम्पर्क कर इस तरह के बच्चों को आइडेंटिफाई किया जा रहा है। योजना से बच्चों के इलाज में संबल मिलेगा।
Updated on:
09 Feb 2025 08:50 am
Published on:
09 Feb 2025 08:36 am
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