बूंदी। रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में 6 माह से पांच हैक्टेयर के एनक्लोजर में बंद ढाई साल का युवा बाघ का काफी वजन बढ़ गया है। जिसके चलते उसे गले में लगा रेडियोकॉलर टाइट हो गया। जिससे बाघ को सांस लेने में परेशानी आने लगी। वनविभाग की टीम ने तत्काल जयपुर से टीम बुलाकर रेडियो कॉलर को सही करवा उसकी बैटरी बदली।
जयपुर से आए पशु चिकित्सक अरविंद माथुर ने बाघ को ट्रेंकुलाइज किया। चिकित्सकीय जांच के बाद उसके गले में फंसे रेडियो कॉलर को ढीला कर बैटरी बदली। टाइगर के गले में सेटेलाइट रेडियो कॉलर लगाया। इस सेटेलाइट कॉलर की मदद से ऑफिस में बैठे हुए भी बाघ की मॉनिटरिंग बेहतर हो सकेगी।
बाघ ने गत छह महीने में 50 से अधिक चीतल और नीलगाय का शिकार कर लिया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ अब पूरी तरह युवावस्था में है। जिसके चलते उसका वजन भी भारी हो गया है। इसे अब जल्द ही जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है।
Published on:
24 Jun 2025 07:58 pm