25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बगैर बीमा दौड़ रहे वाहन

भले ही मोटर व्हीकल एक्ट के नियम सख्त हैं, लेकिन उनकी पालना सख्ती से नहीं हो रही। इसकी बानगी देखें तो जिलेभर में बगैर बीमा कराए सैंकड़ों वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं

less than 1 minute read
Google source verification

image

Shankar Sharma

Mar 15, 2016

Bundi photo

Bundi photo

बूंदी.
भले ही मोटर व्हीकल एक्ट के नियम सख्त हैं, लेकिन उनकी पालना सख्ती से नहीं हो रही। इसकी बानगी देखें तो जिलेभर में बगैर बीमा कराए सैंकड़ों वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। वाहन चलाना तो सबको अच्छा लगता है, लेकिन वाहन का बीमा कब खत्म हो गया इसका पता कोई नहीं रखता। नियमों को ताक पर रखने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ जिम्मेदार महकमा कार्रवाई करने से गुरेज कर रहा है। बीमा कंपनियों की माने तो ग्रामीण इलाकों में स्थिति गंभीर है। जागरूकता के अभाव में वाहनों का बीमा करवाने में लोगों की रुचि ही नहीं है।


सिर्फ फाइनेंस वाले करा रहे
गौरतलब है कि नए वाहन का एक बार बीमा होने के बाद दूसरे वर्ष में लोग बीमा करवाने में रुचि नहीं रखते। लेकिन जो वाहन किसी भी कंपनी से फाइनेंस हुआ है। उसका बीमा रीनिवल होता है।

पुलिस करे सख्ती
जानकारों के मुताबिक वाहनों के जांच अभियान में पुलिस ज्यादातर बिना हेलमेट, तीन सवारी वालों के ही चालान काटती है। वाहन चालक से बीमे की जानकारी ही नहीं लेते। ऐसे में वाहन चालक भी बीमा करवाने में रुचि नहीं रखते।

भुगतने पड़ते हैं लाखों
बगैर बीमा चल रहे वाहन से दुर्घटना होने पर या जनहानि होने पर वाहन मालिक के सामने कानूनी उलझनें पैदा हो जाती है। बीमा नहीं होने के कारण पीडि़त व्यक्ति को क्षतिपूर्ति देना वाहन मालिक के बूते से बाहर होता है। न्यायालय द्वारा नियमों की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाता है। वाहन मालिक के खिलाफ भारी जुर्माना व सजा होती है। तब वाहन मालिक को गलती का अहसास होता है।

बनाते हैं चालान
जांच के दौरान बगैर बीमा वाले वाहनों का चालान बनाते हैं। लोगों को समझाइश भी करते हैं कि समय पर बीमा कराए। अलग-अलग वाहनों के 250 से 1000 तक जुर्माना भी करते हैं।
जितेन्द्र देव प्रभारी यातायात पुलिस बूंदी