बूंदी

टाइगर रिजर्व के बफर जोन को बाघों के अनुकूल बनाने में सुस्ती बूंदी पर भारी

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित कलदां का वन क्षेत्र जैव विविधता की ²ष्टि से अत्यंत समृद्ध है, लेकिन इसे संरक्षित और बाघों के अनुकूल बनाने के प्रयासों में वन विभाग की सुस्ती भारी पड़ रही है। यह क्षेत्र एक प्राकृतिक धरोहर है, जहां सदियों से बाघ, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों की उपस्थिति रही है।

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Jul 22, 2025
गुढ़ानाथावतान. जंगल में हरियाली के बीच गिरता भूकी का जलप्रपात।

गुढ़ानाथावतान. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित कलदां का वन क्षेत्र जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है, लेकिन इसे संरक्षित और बाघों के अनुकूल बनाने के प्रयासों में वन विभाग की सुस्ती भारी पड़ रही है। यह क्षेत्र एक प्राकृतिक धरोहर है, जहां सदियों से बाघ, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों की उपस्थिति रही है।

दो दर्जन से अधिक पहाड़ी दर्रे और सदाबहार झरने
इस इलाके में करीब दो दर्जन पहाड़ी दर्रे हैं, जिनमें साल भर कलकल बहता पानी रहता है। बारिश के साथ ही झरनों की रवानगी शुरू हो गई है, जो यहां आने वाले कुछ गिने-चुने प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित कर रही है। परंतु अब भी यह क्षेत्र अवैध शिकार, मानवीय दखल और कुप्रबंधन का शिकार बना हुआ है।

कॉरिडोर उपेक्षित
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि बाघों का सदियों पुराना कॉरिडोर, जो हाड़ौती से मेवाड़-मालवा तक फैला रहा है, उसे फिर से सक्रिय करना जरूरी है। बूंदी के जंगल इस कॉरिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन इनकी लगातार उपेक्षा की जा रही है।

जैव विविधता पर संकट
वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बफर जोन को वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से विकसित करने के बजाय मनमर्जी से कार्य किए जा रहे हैं, जिससे यहां की जैव विविधता खतरे में है। वन्यजीव प्रेमी लंबे समय से बफर क्षेत्र को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं, पर विभाग की चुप्पी बरकरार है।

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कलदां बफर जोन को भी बाघों के अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बजट स्वीकृत होते ही यहां कार्य शुरू किया जाएगा।
देवेंद्र सिंह भाटी, उपवन संरक्षक एवं उपक्षेत्र निदेशक (बफर), रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी

Updated on:
22 Jul 2025 12:31 pm
Published on:
22 Jul 2025 12:27 pm
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