
अध्ययन करती महिलाएं
बूंदी. गोठड़ा.जिले के सरकारी स्कूलों में कार्यरत गुरुजी खुद घंटी बजाए, स्कूलों में पढाए या फिर बच्चों से काम करवाए, ये स्थिति तब बन रही है,जब जिले के राजकीय विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 80 फीसदी पद लंबे समय से रिक्त चल रहे है। वहीं अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के भी 32 फीसदी पद रिक्त हैं।
शिक्षा विभाग के विद्यालयों में अध्यापन व शैक्षणिक कार्यों के लिए विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पदों के साथ साथ विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य होते हैं, जिसके लिए गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की जरूरत होती है। इसमें खेलकूद के लिए शारीरिक शिक्षक, लिपिकीय कार्यों के लिए वरिष्ठ सहायक व कनिष्ठ सहायक, पुस्तकालय के लिए लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला के लिए प्रयोगशाला सहायक और स्कूल में अन्य सहायक कार्यों के लिए चतुर्थ श्रेणी सहायक कर्मचारी की जरूरत होती है, जिसका कार्य होता है स्कूल खुलने पर घण्टी बजाने से लेकर सफाई करना, पानी भरना व छुट्टी होने पर स्कूल बंद करना, लेकिन वर्तमान में जिले के शिक्षा विभाग में केवल उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक ही ये पद सीमित रह गया है। उसमें भी 80 फीसदी पद रिक्त चल रहे हैं, जिसके कारण विद्यालय में ये सभी कार्य या तो विद्यार्थियों को या स्वयं शिक्षकों को करने पड़़ते हैं। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तो ये कार्य शिक्षकों को स्वयं करने पड़ते हैं। इन स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद सृजित नहीं है।
100 स्कूल में ऑटोमेटिक रिंग सिस्टम
जानकारी अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लंबे समय से रिक्त पदों के चलते जिले के करीब सौ स्कूल में ऑटोमेटिक ङ्क्षरग सिस्टम से कालांश लगाना, प्रार्थना आदि कार्य करवाए जा रहे हैं। वहीं सफाई के लिए मिड डे मील बनाने वाली महिलाओं का सहारा लिया जा रहा है, जिन्हें प्रधानाचार्य द्वारा एसएमसी द्वारा लिए गए प्रस्तावों के अनुसार अलग से मानदेय दिया जा रहा है।
गैर शैक्षणिक काम करने को मजबूर शिक्षक
जिले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीयों के पद रिक्त होने से कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के पद रिक्त होने से शिक्षकों को सारे काम निपटाने की जिम्मेदारी आन पड़ी है। उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद रिक्त होने से स्कूल परिसरों की नियमित साफ सफाई एवं रखरखाव नहीं हो रहा है। परिसरों में झाड़ झाकर उगे हुए हैं। स्कूलों में बनाए गए बाग-बगीचे विद्यार्थियों के भरोसे पर निर्भर है। ऐसे में बच्चे गैर शैक्षणिक कार्य करने के कारण कई बार उन्हें कालांशों से वंचित होना पड़ जाता है।
ये पद भी रिक्त
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के पांचों ब्लॉक में संचालित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी 25 में से 6 पद रिक्त हैं। सहायक प्रशासनिक अधिकारी 70 में से 21 पद रिक्त हैं। कनिष्ठ सहायक 180 में से 65 पद रिक्त हैं। लाइब्रेरियन प्रथम, द्वितीय व तृतीय 65 में से 32 पद रिक्त हैं। लेब बॉय 29 में से 27 पद रिक्त हैं।
रात्रि में सूनी रहती स्कूलें
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अभाव में विद्यालयों में अवकाश के बाद स्कूल भगवान भरोसे हो जाते हैं। कई सूने स्कूलों में रात्रि को चोरियां हो जाती है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हो तो स्कूलों में हो रही चोरियों पर अंकुश लग सकता है।
विभागीय दिशा निर्देश अनुसार पालना सुनिश्चित की जाएगी। जिले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित अन्य के पद रिक्त चल रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। कर्मचारी मिलने पर स्कूलों में लगाएं जाएंगे।
दलीप सिंह गुर्जर,एडीपीसी समग्र शिक्षा विभाग बूंदी।
Published on:
14 Dec 2025 12:23 pm
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