भगवान केशवराय मंदिर क्षेत्र पर कॉरिडोर बनाने के लिए प्रसादम योजना के तहत दो साल पहले प्रयास शुरू किए गए थे, लेकिन वह अभी धरातल पर नहीं उतर पाई है। विभाग 70 करोड़ रुपए से ज्यादा की इस योजना का शिलान्यास दो वर्ष पहले चंबल नदी किनारे समारोह आयोजित किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल रैली के माध्यम से किया गया था, लेकिन यहां कार्य शुरू अब तक नहीं हो पाया है।
चंबल नदी किनारे स्थित पौराणिक केशव मंदिर पांच सौ साल से प्रकृति के थपेड़े सह रहा है। इसकी पौराणिकता के साथ हमेशा छेड़छाड़ होती रही है। कहीं सीमेंट लगा कर कलाकृतियों के स्वरूप के बिगाड़ दिया तो कहीं देवस्थान विभाग ने क्षतिग्रस्त कलाकृतियों को दोबारा बना कर लगाने की योजना बना कर कलाकृतियों को उखाड़ दिया। एक दशक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंदिर की कलाकृतियों को नया स्वरूप देने के लिए पांच करोड़ रुपए स्वीकृत कर इसका काम पुरातत्व विभाग सौंपा गया था। विभाग का ठेकेदार आधा अधूरा काम कर छोड़ गया। अब बनाईं गई कलाकृतियां धुल खा रही है। मंदिर का शिखर क्षतिग्रस्त हो चुका है। पत्थर उखड़ने से श्रद्धालुओं ठोकरें खाते हैं।