वहीं समीधी से सुबह सात बजे रवाना होकर करीब साढ़े नौ बजे हिण्डोली पहुंचती थी। इसके बाद बूंदी पहुंचती थी। एक-दो माह तक तो बस सेवा का लाभ मिला, लेकिन बाद में यह बस बंद हो गई। रामखिलाड़ी किराड़, मंयक धानोत्या, मोहित जैन आदि ने बताया कि बस सेवा बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है।
तहसील, उपखंड हुए दूर
आधा दर्जन ग्राम पंचायतों के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को बस का लाभ मिलता था। लोगों ने बताया कि बस के रूट पर तहसील, उपखंड कार्यालय, न्यायालय, जलसंसाधन विभाग, विद्युत निगम सहित कई कार्यालय पड़ते हैं, जिससे उन्हें सुविधा रहती थी।
चालकों की कमी बनी हुई है। बस बंद नहीं हुई है। चालक मिलते ही बस सेवा शुरू कर दी जाएगी।
छीतरमल बलाई, प्रबंधक, रोडवेज, बूंदी आगार