यहां के पाड़ा लड़ाई प्रेमियों के अनुसार वह अपने पाड़ों को परिवार के एक सदस्य की तरह मानते है। इसलिए पाड़ों का पालन-पोषण करना अपना महत्वपूर्ण दायित्व समझते हैं। रोमांचक मुकाबले में पाड़ा जीते या हारे इसकी फिक्र किए बगैर वह अपने पाडों के खान-पान पर हजारों रुपए खर्च कर देते हैं। प्रतिवर्ष दीपावली के पड़वे पर नगर के अमरावती नदी घाट पर 200 से अधिक पाड़े उतरकर देर तक दर्शकों के बीच अपना शानदार प्रदर्शन दिखाते है।31 अक्टूबर को अमरावती नदी पर आयोजित होने वाले मेले में बुरहानपुर, खंडवा, बोरगांव, चापोरा, दापोरा, इच्छापुर, नाचनखेड़ा, सिरसोदा, भातखेड़ा, बखारी, खामनी, भावसा व सीमावर्ती महाराष्ट्र के मुक्ताईनगर, भुसावल, जलगांव, रांवेर और अंतुर्ली से बड़ी संख्या में दर्शक मेले का लुप्त उठाने आएंगे।