
4 days working and 3 days week off labor minister told when the new wage code will be implemented
खबरें आने के बाद सभी को उम्मीद थी कि 1 जुलाई से नया लेबर कोड लागू हो जाएगा। यह सबसे ज्यादा लोगों के बीच इस बात से मशहूर हुआ कि हफ्ते में 4 दिन काम करके 3 दिन छुट्टी मिलेगी। केंद्र सरकार नए लेबर कोड को संसद से पास भी करा चुकी है, लेकिन इसको सभी राज्य सरकारों के द्वारा मंजूर किया जाना है। इसके कारण यह अभी तक लागू नहीं हो पाया है। इसको लेकर श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को लोकसभा में बड़ी जानकारी दी, जिसके बाद से सभी अटकलों पर विराम लग गया है। उन्होंने लिखित सवालों के जबाब में बयान देते हुए कहा कि अभी नए लेबर कोड को लागू करने के लिए कोई लास्ट डेडलाइन नहीं तय की गई है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ज्यादातर राज्यों चार नए लेबर कोड को लेकर नियमों का मसौदा केंद्र सरकार को भेज दिया है, लेकिन अभी भी कुछ राज्यों की ओर से इस पर जबाब आना बाकी है। अभी तक कुल 31 राज्यों ने नए लेबर कोड को लेकर अपना जबाब और ड्राफ्ट नियम भेज दिए हैं।
हफ्ते में 4 दिन काम,3 दिन छुट्टी
नए लेबर कोड लागू होने के बाद वर्किंग डे को कम करके 4 दिन किया जा सकता है, जो अबी वर्तमान में 6 दिन है। इसमें 3 का सप्ताहिक छुट्टी( वीकऑफ) मिलेगा। हालांकि 1 दिन में 12 घंटे काम करने वाले व्यक्ति को 3 दिन का वीकऑफ मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने 44 सेंट्रल लेबर एक्ट को मिलाकर 4 नए लेबर कोड बनाए हैं।
तीन शिफ्ट में काम को मिलेगी मंजूरी!
देश में नया लेबर कोड लागू होने के बाद तीन शिफ्ट में काम को मंजूरी दी जा सकती है, जिसमें काम के घंटों के हिसाब से हफ्ते में सप्ताहिक छुट्टी निर्धारित होगी।
- हर दिन 12 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 3 दिन की छुट्टी
-हर दिन 10 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 2 दिन की छुट्टी
- हर दिन 8 घंटे काम करने वाले को व्यक्ति को मिलेगी 1 दिन की छुट्टी
कौन-कौन से हैं 4 नए लेबर कोड
इसमें नया लेबर कोड (New labor code), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) शामिल हैं।
कई देशों में पहले से लागू है ये नियम
आपको बता दें कि स्पेन, जापान, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, स्कॉटलैंड और आइसलैंड जैसे कई देशों में हफ्ते में 4 दिन ही काम करना पड़ता है। इसके साथ ही इन देशों में साप्ताहिक काम के घंटों में भी कमी की गई है।
Published on:
19 Jul 2022 12:03 pm
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