
Economic Growth: देश में निजी उपभोग में बंपर बढ़ोतरी हुई है। डेलॉयट इंडिया और रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में निजी उपभोग 2013 के 1000 अरब डॉलर (Dollar) से करीब दोगुना होकर वर्ष 2024 में 2100 अरब डॉलर हो गया। यानी प्राइवेट कंजम्पशन सालाना 7.2% की दर से बढ़ रहा है, जो अमरीका, चीन और जर्मनी से भी अधिक है। डेलॉयट और आरएआइ की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2026 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बनने की राह पर अग्रसर है और जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का रिटेल मार्केट वर्ष 2034 तक 190 लाख करोड़ रुपए का होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2030 तक 10,000 अमरीकी डॉलर से अधिक कमाने वाले भारतीयों की संख्या करीब तीन गुना बढऩे की उम्मीद है। इससे अखिक आय वाले लोगों की संख्या वर्ष 2024 में 6 करोड़ है, जो 2030 तक बढक़र 16.5 करोड़ होने की उम्मीद है। यह देश के मध्यम वर्ग की महत्वपूर्ण वृद्धि और खर्च में होने वाले मौलिक बदलाव को दर्शाता है। आय बढऩे से ग्रामीण और शहर इलाकों में परिवारों का अपैरल, फुटवियर, ट्रैवल और वेलनेस पर खर्च बढऩे की उम्मीद है।
Updated on:
28 Feb 2025 10:24 am
Published on:
28 Feb 2025 10:17 am
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