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8th Pay Commission की नहीं हो रही सुनवाई, कर्मचारी संगठन ने खटखटाया बड़ा दरवाजा

8th Pay Commission : आयोग के बनने में देरी और सरकार की चुप्पी से कर्मचारियों और पेंशनरों में असमंजस की स्थिति है।

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भारत

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Ashish Deep

Jul 08, 2025

8th Pay Commission

8th Pay Commission में पेंशनरों को अच्छा फायदा होने वाला है। (Patrika)

8th Pay Commission के सदस्यों-अध्यक्ष और Terms of Reference (ToR) में देरी को लेकर कर्मचारी संगठन कई मंचों पर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सभी जगह से निराश होने के बाद अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास गुहार लगाई है। उन्होंने 8th Pay commission के ToR की औपचारिक अधिसूचना और उसके सदस्यों की नियुक्ति के प्रोसेस में तेजी लाने की अपील की है।

प्रधानमंत्री को लेटर लिखकर की गुजारिश

रेलवे सीनियर सिटीजन्स वेलफेयर सोसायटी (RSCWS) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 8th Pay Commission में देरी को लेकर लेटर लिखा है। RSCWS ने प्रधानमंत्री को लेटर में कहा कि 8th Pay Commission के गठन की घोषणा से देशभर के 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनरों में नई उम्मीद जगी थी। लेकिन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति और इसके ToR की घोषणा में हो रही देरी से अब निराशा और चिंता बढ़ रही है।

कर्मचारियों और पेंशनरों में बेचैनी

RSCWS के चेयरमैन टीएस कालरा ने कहा कि आयोग के बनने में देरी और सरकार की चुप्पी से कर्मचारियों और पेंशनरों में असमंजस की स्थिति है। इससे न केवल भ्रम फैल रहा है बल्कि अफवाह का बाजार गर्म हो रहा है। कालरा ने लेटर में सरकार को 8वें वेतन आयोग की कार्रवाई शुरू करने से होने वाले फायदे गिनाए हैं।

समय पर आयोग का गठन क्यों जरूरी है?

1- इकोनॉमिक क्राइसिस से निपटना : 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 31 दिसंबर 2025 तक लागू हैं। बढ़ती महंगाई और Cost of Living को देखते हुए सैलरी समय पर बढ़ना बेहद जरूरी है।

2- मनोबल और प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी : टाइम पर सैलरी बढ़ने में पारदर्शिता और समय पर क्रियान्वयन कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाएगा।

3- पेंशनर्स की वित्तीय सुरक्षा : रिटायर कर्मचारियों के लिए समय पर पेंशन बढ़ना बेहद जरूरी है ताकि वे सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जी सकें।

4 अफवाहों पर रोक : आयोग के ToR सामने न आने से पैदा हो रही अटकलें पेंशनर्स और कर्मचारियों के बीच भ्रम पैदा कर रही हैं। कालरा ने कहा कि पारदर्शिता और सही कार्ययोजना से भरोसा और विश्वास कायम रहेगा।

RSCWS की प्रमुख मांगें

प्रधानमंत्री को लिखे लेटर में RSCWS ने 3 प्रमुख मांगें रखीं हैं।

1- आयोग का तत्काल बनना : सरकार को जल्द से जल्द 8वें वेतन आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की घोषणा करनी चाहिए।

2- टर्म्स ऑफ रेफ्रेंस : 8th Pay Commission ToR में भत्तों की समीक्षा, पेंशन से जुड़े फायदे और कम्युटेड पेंशन की बहाली जैसे मुद्दों को शामिल किया जाए।

3- सही समयसीमा की घोषणा : आयोग के रिपोर्ट सौंपने और उसकी सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से लागू करने की सही समयसीमा तय की जाए।

सरकार से भरोसेमंद रुख की अपील

RSCWS ने कहा कि अगर सरकार समय पर आयोग बनाती है और उसके प्रोसेस को पारदर्शी रखती है तो यह कर्मचारियों और पेंशनरों के बारे में सरकार की प्रतिबद्धता बताने वाला कदम होगा। साथ ही, इससे भविष्य की योजनाओं में भरोसे का माहौल बनेगा।