6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बैंकिंग फंड्स में बड़ा मौका! घटे वैल्यूएशन के बीच मिल सकता है शानदार रिटर्न

Banking Funds: बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के म्यूचुअल फंड्स का वर्ष 2023 और 2024 में प्रदर्शन बाकी इक्विटी फंड्स की तुलना में कमजोर रहा।

2 min read
Google source verification

Banking Funds: बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के म्यूचुअल फंड्स का वर्ष 2023 और 2024 में प्रदर्शन बाकी इक्विटी फंड्स की तुलना में कमजोर रहा। बैंकों पर लोन-टू-डिपॉजिट रश्यो को लेकर सख्ती हुई, जिससे उनका उधार देने का मार्जिन कम हो गया। अनसिक्योर्ड लोन को लेकर बढ़ती चिंताओं ने भी निवेशकों को सावधान कर दिया। बैंकिंग सेक्टर की अर्निंग्स ग्रोथ 13-14% थी, जबकि कई दूसरे सेक्टर्स 20-25% की दर से बढ़ रहे थे। क्रेडिट ग्रोथ को लेकर भी अनिश्चितता बनी रही। ऐसे में निवेशकों ने पैसा कहीं और लगाना बेहतर समझा। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। निवेश सलाहकारों का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर की वैल्यूएशन इतनी सस्ती हो गई है कि अगर क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आई, तो ये फंड्स निवेशकों को शानदार रिटर्न दे सकते हैं।

…इसलिए तेजी की उम्मीद

फंड मैनेजर्स को अब उम्मीद है कि क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आएगी। मिरे एसेट के फंड मैनेजर गौरव कोचर का मानना है कि आने वाले 12-18 महीनों में कॉरपोरेट लोन की मांग बढ़ सकती है, क्योंकि कंपनियां अपने निवेश बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। पिछले तीन-चार सालों में क्रेडिट ग्रोथ मुख्य रूप से रिटेल लोन पर टिकी थी, लेकिन अब कॉरपोरेट लोन ग्रोथ भी इसमें योगदान देगा। 2024-25 की पहली छमाही में चुनावों के चलते कैपेक्स धीमा था, लेकिन दूसरी छमाही और वर्ष 2025-26 में इसमें बूम आ सकता है।

बड़े बैंकों को ज्यादा फायदा

बड़े बैंकों की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के सीनियर फंड मैनेजर रोशन चटकी ने कहा, बड़े बैंक कम लागत पर फंड जुटा सकते हैं, जिससे वे हाई-क्वालिटी कस्टमर्स को अच्छे रेट पर लोन दे सकते हैं। उन्होंने कहा, आरबीआइ इस साल दो बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे कर्ज लेना सस्ता होगा। इससे क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा और बैंकिंग सेक्टर का मुनाफा बढ़ेगा। ब्याज दरों में कमी से उपभोक्ता मांग और औद्योगिक निवेश दोनों को फायदा मिलेगा, जिससे बड़े बैंको को फायदा होगा।

निवेश का सही समय

टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर अमेय साठे ने कहा, वैल्यूएशन के लिहाज से बैंकिंग सेक्टर इस समय बेहद आकर्षक स्थिति में है। निफ्टी बैंक इंडेक्स क निफ्टी 50 के मुकाबले डिस्काउंट लाइफटाइम हाई पर है। कई बड़े बैंक ऐसे रेट पर ट्रेड कर रहे हैं, जो कोरोना या 2008 की वैश्विक मंदी के समय भी नहीं थे। वहीं सैंक्टम वेल्थ के हेमांग कपासी ने कहा, कोविड से पहले बैंकिंग सेक्टर की प्राइस-टू-बुक वैल्यू 2.5 गुना थी, लेकिन अब यह 1.7 गुना पर आ गई है। यानी बैंकिंग सेक्टर में निवेश का ऐसा मौका पहले बहुत कम देखने को मिला है।

यह भी पढ़ें- 8th Pay Commission: लेवल 1 से 10 तक कर्मचारियों की इतनी बढ़ेगी Salary, समझें पूरा कैलकुलेशन

हालांकि…जोखिम भी हैं

बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन इस बात पर निर्भर करेगा कि क्रेडिट डिमांड कितनी बढ़ती है। यदि जीडीपी ग्रोथ, जो फिलहाल 6.5-7% के आसपास है, गिरकर 3.5-4% तक आ गई, तो बैंकिंग सेक्टर को बड़ा झटका लग सकता है। वहीं अगर एनपीए का संकट अनसिक्योर्ड लोन से सिक्योर्ड लोन (जैसे हाउसिंग और ऑटो लोन) तक फैला तो बैंकों पर और दबाव आ सकता है।

क्या करें निवेशक…

सैंक्टम वेल्थ के हेमांग कपासी ने कहा, सेक्टर फंड्स में निवेश करने का सही समय वही होता है जब सेक्टर में गिरावट हो, ताकि अगले एक-दो साल में होने वाली रिकवरी का पूरा फायदा उठाया जा सके। अभी बैंकिंग सेक्टर का वैल्यूएशन लॉन्ग टर्म औसत से नीचे है, और जैसे-जैसे ग्रोथ आउटलुक सुधरेगा, इसमें री-रेटिंग की संभावना है। ऐसे मे निवेशक अपने पोर्टफोलियो का 15 से 20% कम से कम 3 साल की अवधि के लिए बैंकिंग फंड्स में निवेश कर सकते हैं।