खरीफ की फसल के लिए लगभग 25 लाख किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया । फसल की कटाई के समय किसानों की फसल के नुकसान पर उनके क्लेम के बाद सर्वे होता है और उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही राशि जारी की जाती है।
राज्य सरकार की तरफ से दी जाएगी राहत- हालांकि इस स्कीम को पीएम फसल बीमा योजना की तर्ज पर ही शुरू किया गया था, लेकिन किसानों को यह रकम केंद्र नहीं बल्कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत मिलना है। इस स्कीम के तहत यदि प्रति हेक्टेयर 20 फीसदी फसल का नुकसान होता है तो 7,500 रुपये की रकम मिलती है। नुकसान ज्यादा होने पर 10 हजार तक का क्लेम मिलता है लेकिन अगर किसान के पास 2 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है तो से किसी तरह का कोई फायदा नहीं मिलता है।
इस स्कीम की सबसे खास बात ये है कि इसके तहत किसानों को कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। जबकि पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्रीमियम देना होता है। यहां ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस पूरी योजना में किसी बीमा कंपनी का कोई दखल नहीं होता है। सरकारी एजेंसियों की ओर से नुकसान का आकलन किया जाता है और फिर उसकी भरपाई की जाती है।