
Budget 2025: आम बजट में सरकार ने टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और किराए की संपत्ति से अर्जित आय वालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इस लेख में हम इन बदलावों का विश्लेषण करेंगे, ताकि आप इन्हें समझ सकें और अपने वित्तीय निर्णयों को बेहतर तरीके से ले सकें।
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों (Budget 2025) के लिए एक अहम कदम उठाया है। अब, अगर आप बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) में निवेश करते हैं और वह एफडी किसी बुजुर्ग के नाम से की जाती है, तो आपको अतिरिक्त लाभ मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आप खुद के नाम पर ₹3,00,000 का निवेश करते हैं और उस पर 7% ब्याज मिलता है, तो आपको ₹69,432 की कमाई होगी, जिस पर टीडीएस (TDS) कटौती होगी। हालांकि, अगर आप यह एफडी (FD) किसी बुजुर्ग के नाम से कराते हैं, तो आपको बैंक से 0.5% अधिक ब्याज मिलेगा। इस प्रकार, आपके ₹3,00,000 के निवेश पर 7.5% ब्याज मिलेगा, जिससे ₹74,915 की कमाई होगी, और उस पर कोई टीडीएस कटौती नहीं होगी।
सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस (Budget 2025) की सीमा को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब बुजुर्गों को बैंक एफडी (Budget 2025) से अधिक लाभ मिलेगा और टीडीएस कटौती का डर भी कम होगा। यह एक बड़ी राहत है, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो अपनी जीवनभर की कमाई एफडी में निवेश करते हैं।
सरकार ने किराए की प्रॉपर्टी से अर्जित आय पर टीडीएस (TDS) की सीमा में भी बदलाव किए हैं। पहले यह सीमा ₹2.5 लाख थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया गया है। हालांकि, इसमें एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब मासिक आय पर ₹50,000 की सीमा लागू की गई है। इसका मतलब यह है कि अगर किराए की आय मासिक (Budget 2025) आधार पर ₹50,000 से अधिक होगी, तो उस पर टीडीएस काटा जाएगा। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी संपत्ति का सालाना किराया ₹6 लाख है, और इसे 10 किस्तों में बांटा गया है, तो हर महीने ₹60,000 का किराया मिलेगा। इस स्थिति में, चूंकि मासिक आय ₹50,000 से अधिक है, इसलिए उस पर टीडीएस (TDS) कटौती होगी।
आम बजट (Budget 2025) में सरकार ने कुछ और अहम फैसले भी लिए हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों और व्यवसायियों को फायदा पहुंचा सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
1. प्रतिभूतियों में निवेश से प्राप्त ब्याज पर टीडीएस की सीमा ₹10,000: अब, प्रतिभूतियों से प्राप्त ब्याज पर टीडीएस की कटौती ₹10,000 तक की जा सकती है। इससे निवेशकों को राहत मिलेगी, खासकर उन निवेशकों को जो छोटे निवेश के माध्यम से ब्याज प्राप्त करते हैं।
2. स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स से प्राप्त लाभांश पर टीडीएस छूट: पहले यह सीमा ₹5,000 थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब छोटे निवेशकों को लाभांश पर कम टीडीएस देना होगा।
3. बीमा एजेंटों के कमीशन पर टीडीएस की सीमा ₹20,000: बीमा एजेंटों के लिए यह सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि अब बीमा एजेंटों को अपने कमीशन पर अधिक छूट मिलेगी।
4. ब्रोकरेज कमीशन पर टीडीएस की सीमा ₹20,000: ब्रोकरेज फर्मों और उनके द्वारा अर्जित कमीशन पर टीडीएस (TDS) की सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹20,000 कर दी गई है। यह बदलाव निवेशकों और ब्रोकरेज फर्मों के लिए लाभकारी होगा।
5. तकनीकी सेवाओं पर टीडीएस की सीमा ₹50,000: तकनीकी सेवा देने वालों के लिए भी टीडीएस (TDS) की सीमा ₹30,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है। इससे तकनीकी सेवा प्रदाताओं को राहत मिलेगी और उन्हें अधिक आय पर टीडीएस (TDS) कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा।
Published on:
05 Feb 2025 10:26 am
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