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Budget 2025: 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर छूट, मिडिल क्लास को मिली बड़ी राहत

Budget 2025: वित्त मंत्री ने बजट 2025 में आयकर प्रणाली को सरल और न्यायपूर्ण बनाने का ऐलान किया है। 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई आयकर नहीं लिया जाएगा। आइए जानते है पूरी खबर।

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भारत

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Ratan Gaurav

Feb 01, 2025

Budget 2025

Budget 2025: वित्त मंत्री ने बजट 2025 में आयकर प्रणाली को सरल और न्यायपूर्ण बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य टैक्स भुगतान में समानता लाना है, और इसी दिशा में कई अहम बदलाव किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा में वित्त मंत्री ने बताया कि अब 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई आयकर नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स छूट सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

Income Tax Slab 2025: आयकर स्लैब में बदलाव (Budget 2025)

वित्त मंत्री के अनुसार, नए आयकर विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी। अब यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, तो उसे आयकर नहीं देना पड़ेगा। पहले यह सीमा 7 लाख 75 हजार रुपये तक थी, जिसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये घटाने के बाद 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता था। इसका मतलब यह हुआ कि अब यदि किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 64,000 या 64,500 रुपये के आसपास था, तो नई कर प्रणाली के तहत उसे आयकर से पूरी तरह छूट मिलेगी।

टीडीएस में बदलाव

वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें अधिक समानता लाई जा सके। विशेष रूप से, वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस छूट सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। इससे वरिष्ठ नागरिकों को उनकी पेंशन और अन्य आय पर बड़ी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त, किराए से होने वाली आय पर टीडीएस छूट सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति को किराए के रूप में छह लाख रुपये तक की आय होती है, तो उसे इस पर कोई TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) (Income Tax Slab 2025) नहीं देना पड़ेगा। यह निर्णय किराएदारों के लिए खासकर राहत देने वाला है, क्योंकि अब उन्हें अपनी आय पर कम कर भुगतान करना होगा।

नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस दरें

वित्त मंत्री ने नॉन-पैन मामलों के लिए उच्च TDS दरों को बनाए रखने का ऐलान किया है। इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग पैन नंबर का उपयोग नहीं करेंगे, उन्हें उच्च दर पर टीडीएस देना होगा। सरकार का मानना है कि यह कदम कर चोरी को रोकने में मदद करेगा और टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाएगा।

अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा बढ़ी

वित्त मंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की कि अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल किया जा रहा है। यह फैसला करदाताओं के लिए राहत (Income Tax Slab 2025) का कारण बनेगा, क्योंकि अब उन्हें कर ITR रिटर्न (Income Tax Slab 2025) दाखिल करने के लिए अधिक समय मिलेगा। इसके अलावा, इससे वे अपनी कर स्थिति को सही करने का एक और अवसर पा सकेंगे, यदि वे पहले कोई गलती कर चुके हैं।

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सरकार की कर नीति में बदलाव की दिशा

इस नए आयकर विधेयक में बदलावों का मुख्य उद्देश्य यह है कि आम लोगों के लिए कर भुगतान आसान Income Tax Slab 2025 और न्यायपूर्ण हो। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इन बदलावों से करदाताओं को राहत मिलेगी, और साथ ही टैक्स चोरों के खिलाफ सख्ती भी बढ़ाई जाएगी। सरकार का यह भी मानना है कि इन सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त किया जा सकेगा, क्योंकि टैक्स का भुगतान करने वाले नागरिकों को राहत मिलेगी और टैक्स चोरी की घटनाओं में कमी आएगी।

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