खंडेलवाल ने कहा कि देश के छह करोड़ छोटे व्यापारियों का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 45 प्रतिशत योगदान है और छोटे व्यापारियों का सालाना कारोबार 30 लाख करोड़ का है। इस क्षेत्र पर 46 करोड़ लोगों का जीवन यापन निर्भर करता है। इसके बावजूद जहां बड़े औद्योगिक घरानों के पास 50 लाख करोड़ रुपए का बैंक ऋण है, वहीं छोटे व्यापारियों की बैंक ऋण में हिस्सेदारी महज चार प्रतिशत है।