
Digital Arrest Scam: देश में बढ़ते डिजिटल अरेस्ट स्कैम और अन्य साइबर अपराधों (Digital Arrest Scam) के बीच केंद्र सरकार ने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के जरिए बताया कि सरकार ने अब तक 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1.32 लाख IMEI नंबर ब्लॉक कर दिए हैं। सरकार की इन कार्रवाइयों का उद्देश्य फर्जी कॉल और साइबर अपराधों के मामलों को रोकना है। इन अपराधों (Digital Arrest Scam) में फर्जी डिजिटल अरेस्ट स्कैम, फेडएक्स स्कैम, और सरकारी अधिकारियों के नाम पर की जाने वाली ठगी जैसी घटनाएं शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की स्थापना की है। I4C के तहत 2021 में शुरू किए गए ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ ने बड़ी सफलता हासिल की है। इसके जरिए अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं और 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है। I4C के तहत साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर (CFMC) स्थापित किया गया है। इसमें प्रमुख बैंकों, वित्तीय संस्थानों, भुगतान एग्रीगेटर्स और कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Digital Arrest Scam) के साथ तालमेल बैठाकर साइबर अपराधों पर नियंत्रण किया जा रहा है।
बंदी संजय कुमार ने बताया कि सरकार और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं ने मिलकर फर्जी (Digital Arrest Scam) भारतीय नंबरों से आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को ब्लॉक करने के लिए एक विशेष सिस्टम विकसित किया है। हाल के दिनों में साइबर अपराधियों ने अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल्स का उपयोग करके नागरिकों को ठगने की कोशिशें तेज कर दी हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे इन नकली कॉल्स को पहचानें और ब्लॉक करें। सरकार ने साइबर अपराध के मामलों की रोकथाम के लिए तकनीकी सुदृढ़ीकरण पर जोर दिया है।
I4C ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से एक संदिग्ध रजिस्ट्री तैयार की है। इस रजिस्ट्री में उन लोगों का डाटाबेस शामिल है, जिन पर साइबर अपराध में शामिल होने का संदेह है। साथ ही, सरकार ने ‘रिपोर्ट एंड चेक सस्पेक्ट’ नामक एक नए फीचर की शुरुआत की है। यह फीचर नागरिकों को सस्पेक्ट सर्च के जरिए साइबर अपराधियों की पहचान करने में मदद करता है। इस टूल के जरिए आम जनता भी संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट कर सकती है।
डिजिटल भारत के तेजी से विकास के बीच साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। फर्जी सिम कार्ड और IMEI नंबर का उपयोग साइबर अपराधियों के लिए आसान माध्यम बन चुका था। ऐसे में सरकार की यह सख्ती नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि I4C जैसे संस्थानों और डिजिटल सुरक्षा उपायों से साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सकती है। सरकार की इन पहलों से न केवल नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन संचार भी अधिक सुरक्षित होगा। सरकार का यह कदम साइबर अपराधियों को एक सख्त संदेश है कि उनके खिलाफ कार्रवाई तेज और निर्णायक होगी।
Updated on:
29 Nov 2024 03:17 pm
Published on:
29 Nov 2024 03:12 pm
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