
Electricity Bill: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में एक व्यक्ति को उस समय बड़ा झटका लगा, जब उनके घर का बिजली बिल 2 अरब रुपए (200 करोड़ रुपए) से अधिक का आया। पिछले महीने तक उनका बिजली बिल महज 2500 रुपए था। इस घटना ने स्थानीय लोगों को सकते में डाल दिया है और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार का दावा है कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली (Electricity Bill) की औसत दरें अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम हैं। वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में मार्च 2023 तक 100 यूनिट बिजली की औसत कीमत केवल 113 रुपये है। इसके विपरीत, महाराष्ट्र में यह दर 643 रुपये, राजस्थान में 833 रुपये, मध्य प्रदेश में 618 रुपये, उत्तर प्रदेश में 689 रुपये, पश्चिम बंगाल में 654 रुपये, और ओडिशा में 426 रुपये है।
तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में सरकार ने बिजली (Electricity Bill) दरों को किफायती बनाए रखने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। किसानों को मुफ्त बिजली (Electricity Bill) की सुविधा दी जा रही है, जिसमें 2 लाख कृषि पंपसेट्स पर पूरी सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसके अलावा, पावरलूम बुनकरों को 1,000 यूनिट और हथकरघा बुनकरों को हर दो महीने में 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाती है। घरेलू उपभोक्ताओं को भी 100 यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाती है।
तमिलनाडु में, जहां बिजली (Electricity Bill) दरें कम हैं, वहीं अन्य राज्यों में घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली के बढ़ते बिलों से जूझना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में ऐसी घटनाएं बिजली (Electricity Bill) विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पारदर्शिता और तकनीकी सुधारों से इस तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है।
तमिलनाडु में जहां पिछले कुछ वर्षों में बिजली (Electricity Bill) दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, वहीं अन्य राज्यों में बढ़ती दरें आम जनता के लिए बड़ी समस्या बन रही हैं। बिजली के बढ़ते बिल न केवल उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालते हैं, बल्कि राज्यों की विकास दर को भी प्रभावित करते हैं।
Updated on:
10 Jan 2025 06:31 pm
Published on:
10 Jan 2025 05:11 pm
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