
Gold Demand in India: भारत का सोने से प्यार अब एक नए मुकाम पर पहुंच चुका है। HSBC ग्लोबल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरों में जमा सोना अब दुनिया के टॉप 10 केंद्रीय बैंकों की कुल स्वर्ण संपत्ति से भी अधिक हो चुका है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय घरों में लगभग 25,000 टन सोना है, जो भारत सहित अमरीका, जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस, चीन, स्विट्जरलैंड, जापान और तुर्की के केंद्रीय बैंकों के कुल लगभग 22,220 टन स्वर्ण भंडार से अधिक है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में, सोने को बैंकिंग परिसंपत्तियों के विकल्प के रूप में देखा जाता है।
दुनिया के केंद्रीय बैंकों ने हाल के वर्षों में अपनी स्वर्ण खरीद बढ़ाई है। आरबीआइ भी अपने स्वर्ण भंडार में लगातार वृद्धि कर रहा है। फिलहाल, अमरीका के फेडरल रिजर्व के पास 8,133 टन सोना है, जबकि जर्मनी के पास लगभग 3,300 टन। अगर भारत के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की बात करें, तो दिसंबर 2024 तक उसके पास 876.18 टन सोने का भंडार था। लेकिन यह मात्रा भारतीय घरों में रखे सोने की तुलना में बहुत कम है।
एचएसबीसी ग्लोबल की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनता के पास लगभग 25,000 टन सोना मौजूद है। यह मात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका (8,133 टन), जर्मनी (लगभग 3,300 टन) और इटली, फ्रांस, रूस, चीन, स्विट्जरलैंड, भारत, जापान तथा तुर्की के केंद्रीय बैंकों के स्वर्ण भंडार से काफी अधिक है। दिसंबर 2024 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), जो भारत का केंद्रीय बैंक है, के पास 876.18 टन सोने का भंडार था। हाल के वर्षों में, विश्व के कई केंद्रीय बैंकों ने अपने सोने में वृद्धि की है।
गुडरिटर्न्स के डेटा के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 90,990 रुपये है, जबकि चांदी की कीमत प्रति किलोग्राम 1,05,100 रुपये तक पहुंच गई है। हाल के समय में सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है। सोना निवेशकों के लिए एक मजबूत रिटर्न देने वाला विकल्प बना हुआ है। दूसरी ओर, चांदी की औद्योगिक मांग के कारण इसकी कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है, और भविष्य में इसके दामों में और तेजी की संभावना है।
वैश्विक स्तर पर, लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) सोने की कीमत निर्धारित करता है और इसे अमेरिकी डॉलर में प्रकाशित करता है, जो बैंकिंग और बुलियन व्यापार से जुड़े लोगों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मानक के रूप में काम करता है। वहीं, भारत में इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमतों में आयात शुल्क और अन्य करों को शामिल करके यह तय करता है कि खुदरा विक्रेताओं को सोना किस मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा।
सोने की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से भारत समेत कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लागू करने की योजना बना रहे हैं, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ सकती है। ऐसी परिस्थितियों में निवेशक सोने की ओर आकर्षित होते हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ती है और कीमतें ऊपर जाती हैं। ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से सोने के दामों में तेजी देखी गई है। उनकी टैरिफ नीतियों के कारण शेयर बाजार जैसे अन्य निवेश विकल्पों का प्रदर्शन कमजोर पड़ा है, जिससे सोने में निवेश को बढ़ावा मिला है। मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर बढ़ने से कीमतों में उछाल आता है, और सोने के साथ भी ऐसा ही हो रहा है।
गुडरिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का मूल्य अभी 90,990 रुपये है, जबकि चांदी की कीमत प्रति किलोग्राम 1,05,100 रुपये तक पहुंच गई है। हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। सोना निवेशकों के लिए लगातार बेहतर रिटर्न देने वाला साधन बना हुआ है। वहीं, चांदी की औद्योगिक उपयोगिता के कारण इसकी कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं और भविष्य में इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है।
Published on:
31 Mar 2025 10:45 am
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