Delay in disbursement of pension : पेंशन मामलों में हो रही देरी पर लेखा महानियंत्रक ने सख्त निर्देश जारी किया है।
पेंशन मामलों के निपटारे में लगातार हो रही देरी को लेकर सरकार ने एक बार फिर सभी विभागों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। लेखा महानियंत्रक (CGA) कार्यालय के हालिया लेटर में कहा गया है कि पेंशन मामलों की प्रक्रिया और अंतिम भुगतान में हो रही देरी की समीक्षा की गई है और अब इस पर तत्काल सुधार की जरूरत है। लेटर में बताया गया है कि पेंशन मामलों में देरी के कई कारण सामने आए हैं। लेटर में यह भी कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी के रिटायरमेंट के कम साल बचे हैं तो उसे सिविल अकाउंट्स मैनुअल 2024 के नियम के तहत अपनी पेंशन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
लेखा महानियंत्रक के लेटर में जो कारण बताए गए हैं वे इस प्रकार हैं:
1- प्रमोशन, Modified Assured Career Progression Scheme (MACPS) के तहत गलत वेतन निर्धारण
2- सेवा रिकॉर्ड का समय पर सत्यापन न होना
3- निगरानी प्रमाणपत्र (विजिलेंस क्लियरेंस) देने में देरी
4- पेंशन नियमों की जानकारी का अभाव।
इसके अलावा, गृह मंत्रालय, जल शक्ति, शहरी विकास जैसे विभागों के Central Armed Police Forces (CAPFs), जिनके विशेष परिस्थितियों और दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों के मामलों में भी देरी देखने को मिली है। सरकार ने निर्देश दिया है कि हर विभाग के प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि पेंशन प्रक्रिया की समयसीमा का सख्ती से पालन हो, चाहे वह वेतन निर्धारण की प्रक्रिया हो या सेवा रिकॉर्ड की जांच।
डिप्टी लेखा नियंत्रक नरेंदर सिंह की तरफ से विशेष रूप से कहा गया है कि वेतन निर्धारण आदेश जारी होने के 3 माह के भीतर या अगर कोई कर्मचारी 4 साल के भीतर रिटायर होने वाला है तो ऑडिट प्राथमिकता के आधार पर हो जाना चाहिए। यह आदेश Civil Accounts Manual (CAM) 2024 की धारा 2.16.3 के तहत अनिवार्य किया गया है।
पेंशन में देरी की समस्या को देखते हुए डिपार्टमेंट हेड को पेंशन प्रक्रिया शुरू होने से लेकर उसके जारी होने तक की कार्रवाई पर खास नजर रखनी होगी। इसके साथ ही कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के 3 अक्टूबर 2022 के निर्देशों के अनुसार, डिपार्टमेंट हेड को वेतन निर्धारण में किसी भी तरह की त्रुटि पकड़ने के साथ अनिवार्य ऑडिट की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। विभाग प्रमुखों और लेखा अधिकारियों (PAO) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी सुनिश्चित करें। सरकार का यह सख्त आदेश है कि पेंशनरों को समय पर और सुचारु रूप से पेंशन मिले। इसलिए सभी स्तरों पर जवाबदेही तय की जाएगी।