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Game-Changer: न्यूजीलैंड का भारत में 1.7 लाख करोड़ का निवेश, चीन को लगेगा बड़ा झटका ?

India-NZ FTA: भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुए ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत न्यूजीलैंड अगले 15 वर्षों में भारत में 1.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह निवेश मैन्युफैक्चरिंग, एग्री-टेक और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में लाखों नए रोजगार और विकास के अवसर पैदा करेगा।

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भारत

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MI Zahir

Dec 22, 2025

India New Zealand FTA

भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता। (सांकेतिक फोटो: AI Generated)

Economic-Growth: भारत और न्यूजीलैंड ने 22 दिसंबर 2025 को मुक्त व्यापार समझौते (India New Zealand FTA) की घोषणा की है। इस समझौते का सबसे बड़ा हाइलाइट है – न्यूजीलैंड ने भारत में अगले 15 सालों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये) का निवेश करने का वादा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच हुई टेलीफोन बातचीत के बाद इसकी पुष्टि हुई। इससे चीन असुरक्षा की भावना महसूस कर सकता है। यह निवेश भारत के लिए कितना फायदेमंद (Economic-Growth) साबित होगा? आइए विस्तार से समझते हैं।

निवेश कहां आएगा और क्या फायदा होगा ? (Foreign Direct Investment)

यह 20 अरब डॉलर का निवेश मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में जा सकता है:

मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्री – प्लांट लगाने, मशीनरी अपग्रेड और नई फैक्ट्रियां।

इंफ्रास्ट्रक्चर – रोड, पोर्ट, एयरपोर्ट, लॉजिस्टिक्स और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स।

नवीकरणीय ऊर्जा – सोलर, विंड और हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स।

आईटी और टेक्नोलॉजी – डेटा सेंटर, सॉफ्टवेयर हब और स्टार्टअप इकोसिस्टम।

शिक्षा और स्वास्थ्य – यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल और ट्रेनिंग सेंटर।

एग्री-फूड प्रोसेसिंग – डेयरी, फूड प्रोसेसिंग और कोल्ड चेन।

यह निवेश सिर्फ पैसे नहीं लाएगा, बल्कि उन्नत तकनीक, नए रोजगार, बेहतर उत्पादकता और निर्यात क्षमता भी बढ़ाएगा।

भारत की अर्थव्यवस्था पर असर

रोजगार सृजन: 20 अरब डॉलर के निवेश से लाखों डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स बनेंगे, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में।

GDP ग्रोथ: हर 1 अरब डॉलर का विदेशी निवेश औसतन 0.5-1% GDP ग्रोथ में योगदान दे सकता है। 20 अरब डॉलर से भारत की GDP में 0.5-1.5% अतिरिक्त बढ़ोतरी संभव है।

फॉरेन एक्सचेंज: निवेश से विदेशी मुद्रा आएगी, जो रुपये को मजबूत करेगी और आयात पर निर्भरता कम करेगी।

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: न्यूजीलैंड की कंपनियां एग्री-टेक, डेयरी प्रोसेसिंग और रिन्यूएबल एनर्जी में मजबूत हैं। यह साझेदारी भारत को इन क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाएगी।

MSME को बूस्ट: छोटे-मध्यम उद्योग निवेशकों के साथ पार्टनरशिप कर सकेंगे।

मौजूदा स्थिति और संभावनाएं (Bilateral Trade 2025)

2024-25 में भारत-न्यूजीलैंड द्विपक्षीय व्यापार 2.4 अरब डॉलर था। न्यूजीलैंड की कुछ प्रमुख कंपनियां पहले से भारत में हैं:

Fonterra – डेयरी सेक्टर में।

Fisher & Paykel – हेल्थकेयर और मेडिकल डिवाइस।

Zespri – फ्रूट्स और एग्री-प्रोडक्ट्स।

20 अरब डॉलर का निवेश इन कंपनियों को और विस्तार देने का मौका देगा। साथ ही नई कंपनियां भी आएंगी।

चुनौतियां भी हैं, लेकिन फायदे ज्यादा

चुनौतियां: नियम-कानून, भूमि अधिग्रहण और श्रम कानून में सुधार की जरूरत है।

फायदे: FTA से शून्य टैरिफ और आसान व्यापार से निवेश का रिटर्न ज्यादा होगा।

FTA समृद्धि के नए द्वार खोलेगा : अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता समृद्धि के नए द्वार खोलेगा और मोदी सरकार के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगा।

रोजगार, तकनीक और वैश्विक साझेदारी मजबूत होगी

बहरहाल यह 20 अरब डॉलर का निवेश भारत के लिए बड़ा गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि रोजगार, तकनीक और वैश्विक साझेदारी को भी मजबूत करेगा। मोदी सरकार की व्यापार कूटनीति का यह एक और बड़ा सफल कदम है।