
Good News: सरकार ने स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है, जिसमें 5 लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को टैक्स मुक्त करने की सिफारिश की गई है। इस सिफारिश को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत गठित समूह (GOM) द्वारा पेश किया गया है, जो देश के नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा को सस्ती और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
GOM ने स्वास्थ्य बीमा को लेकर कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं, जिनमें से एक प्रमुख सिफारिश यह है कि यदि कोई व्यक्ति 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा लेता है, तो उसके प्रीमियम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस सिफारिश से सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा के प्रति प्रोत्साहित करना और उन्हें सुरक्षित बनाना है।
भारत में स्वास्थ्य बीमा की जरूरत पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद। लोगों को यह एहसास हुआ है कि बीमारियों के इलाज के लिए महंगे अस्पतालों में भर्ती होना एक बड़ी आर्थिक चुनौती हो सकती है। इस सिफारिश के जरिए सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक लोग स्वास्थ्य बीमा लें और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस सिफारिश का लाभ मध्यम वर्गीय परिवारों को मिलेगा, जो अक्सर स्वास्थ्य बीमा की उच्च प्रीमियम दरों के कारण इसे खरीदने में हिचकिचाते हैं। टैक्स छूट मिलने से परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदना अधिक सस्ता और सुलभ होगा। इससे ना केवल चिकित्सा खर्च में कमी आएगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी बेहतर होगी।
सरकार ने पहले से ही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि आयुष्मान भारत योजना। लेकिन 5 लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस को टैक्स मुक्त करने की यह सिफारिश स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती है।
इस सिफारिश पर लोगों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। नागरिकों का मानना है कि यह कदम उनके स्वास्थ्य को लेकर एक बेहतर सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलने से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित होंगे और बीमारियों के समय आर्थिक चिंताओं से मुक्त रहेंगे।
Updated on:
20 Oct 2024 12:39 pm
Published on:
20 Oct 2024 12:31 pm
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