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हर्षद मेहता की पत्नी ने तोड़ी चुप्पी, दिवंगत बिग बुल का बचाव करने के लिए लॉन्च की वेबसाइट

हर्षद मेहता की पत्नी ज्योति ने चुप्पी तोड़ते हुए एक वेबसाइट लांच की है, जिसमें दिवंगत बिग बुल हर्षद मेहता का बचाव किया गया है। इसके साथ ही इस वेबसाइट में कोर्ट के ऑडर, लाइफ जर्नी, एलिगेसन और फैक्ट के बारे में बताया है। वहीं बिग बुल से जुड़े वीडियो भी वेबसाइट में शेयर किए गए हैं।

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Abhishek Kumar Tripathi

Jul 08, 2022

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Harshad Mehta's wife breaks silence, launches website to defend late Big Bull

देश के सबसे बड़े शेयर घोटाले के आरोपी, दिवंगत बिग बुल हर्षद मेहता की मौत के 20 साल बाद उनकी पत्नी ज्योति ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने पति का पक्ष रखते हुए www.harshadmehta.in वेबसाइट लांच की है। इस वेबसाइट के होम पेज में लिखा गया है 20 साल बाद विधवा ने तोड़ी चुप्पी, जिसमें बिग बुल की पत्नी ने दावा किया है कि उनके पति की मौत चिकित्सा में लापरवाही के कारण हुई है। आपको बता दें कि 30 दिसंबर 2001 को बिग बुल हर्षद मेहता की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी।

दिवंगत स्टॉक ब्रोकर हर्षद मेहता को लेकर लांच की गई वेबसाइट में उनकी पत्नी ज्योति ने लिखा उनके घाव अभी भी ताजा हैं। 20 साल बीत जाने के बाद भी खुद को ठीक करने से इनकार करते हैं। हमारा पूरा परिवार उन्हें बहुत याद करता है। इन 20 सालों में हमारे परिवार ने चुप्पी साधी और हमारे जीवन को प्रभावित करने वाले किसी भी मुद्दे पर एक भी बयान नहीं दिया।


परिवार को सामूहिक सजा दी जा रही

हर्षद मेहता की पत्नी के ने वेबसाइट लॉन्च करके लिखा हम दुखी महसूस करते हैं कि हमारे मौलिक और अन्य मूल्यवान संवैधानिक और मानवाधिकारों को पिछले 30 सालों से निलंबित कर दिया गया है और उनका घोर उल्लंघन किया गया है। हमारे परिवार को सामूहिक सजा दी जा रही है।


मीडिया, फिल्म और वेब सीरीज ने हर्षद मेहता को रखा जीवित

हर्षद मेहता की पत्नी ज्योति ने लिखा कि हर्षद को मीडिया द्वारा मुकदमे के माध्यम से बदनाम किया गया था। इसके साथ ही आज भी घोटालेबाज के रूप में दिखाया जाता है, भले ही उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों के लिए वह दोषी साबित नहीं हुए हैं। इसलिए मैं मरणोपरांत उनका बचाव करने के लिए विवश और मजबूर हूं। चूंकि मीडिया, फिल्म और वेब सीरीज ने उन्हें जीवित रखा इसलिए मरणोपरांत उनका बचाव करना मेरा कर्तव्य है।


अपनी अंतिम सांस तक हर्षद ने देश की न्यायपालिका में रखा विश्वास

हर्षद मेहता की पत्नी ने कहा कि हर्षद ने अपनी अंतिम सांस तक इस देश की न्यायपालिका में पूरा विश्वास रखा। वह 9 साल तक इससे कभी नहीं भागे, भले ही उन्हें मीडिया और माननीय न्यायालय में भारी अपमान और फटकार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने वेबसाइट के माध्यम से कहा हमारी संपत्ति की कुर्की ने हमें ऐसे देश में अपना बचाव करने के अवसर से वंचित कर दिया है जहां खुले में अपराध करने वाले कसाब को भी अपने बचाव के लिए कानूनी समर्थन दिया गया था।


बलि का बकरा

हर्षद की पत्नी ने कहा कि हर्षद मेहता को "बलि का बकरा" बनाने के लिए और पूरे परिवार को लंबे समय तक मुकदमेबाजी में उलझाए रखने के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 11 (2) (ए) के तहत बैंकों के दावों पर आयकर को प्राथमिकता दी गई है, भले ही यह अधिनियम पीड़ितों की शिकायत के निवारण के लिए लाया गया हो।