
टॉप अप होम लोन की ब्याज दर कम होती है। (PC: Gemini)
Home Loan Top Up Calculator: बैंक और फाइनेंस कंपनियां होम लोन पर अतिरिक्त लोन देने की पेशकश करती है, जिसे होम लोन टॉप-अप कहते हैं। टॉप-अप लोन पर बेस रेट से ब्याज लगता है, इसलिए यह पसर्नल लोन या क्रेडिट कार्ड की तुलना में काफी सस्ता दिखता है। पर सच ये है कि कम ब्याज सिर्फ एक पक्ष है, बाकी फीस, चार्जेज और शर्तें समझे बिना कर्ज लेने पर परेशानी में फंस सकते हैं। टॉप अप लोन लेने से पहले प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, टेन्योर बढ़ने पर बढ़ता ब्याज और क्रेडिट स्कोर रिस्क जैसे फैक्टर्स को समझना जरूरी है।
सभी बैंकों के टॉप अप होम लोन के रूल्स अलग-अलग हैं। आरबीआई ने इसके लिए कोई पैरामीटर सेट नहीं किए है। इसमें आपको स्टैंप ड्यूटी और प्रॉसेसिंग चार्ज देने होते हैं।
बैंक मूल होम लोन रेट पर ही टॉप- अप लोन देते हैं, जिस पर आमतौर पर सालाना 8-9% ब्याज लगता है। यहां होम लोन की तरह ही 10-15 साल की अवधि मिल जाती है। लंबी अवधि से ईएमआई कम दिखती है। टॉप-अप के हिस्से को आप ट्रांजेक्शन करते रह सकते हैं। जैसे- ओवरड्राफ्ट आदि। ज्यादातर बैंक टॉप अप लोन के लिए न्यूनतम दस्तावेज मांगते हैं।
कुल खर्च कैलकुलेट करें: ब्याज दर कम होने के बावजूद प्रोसेसिंग फीस व अन्य फीस मिलाकर इफेक्टिव कॉस्ट ऑफ लोन निकाले।
कैश फ्लो: लंबी अवधि के चलते EMI कम दिखेगी, पर कुल बोझ ज्यादा होगा। देखें कि आप पूरे टेन्योर में किस तरह का कैश फ्लो मैनेज कर पाएंगे।
शर्तों की तुलना: कम से कम तीन बैंक के प्रोडक्ट, फीयर और फीस चार्ज मिलाकर कंपेयर करें।
बैंक से पूछें: ज्यादातर बैंक एमसीएलआर को हर महीने रिव्यू करते हैं। इसका मतलब टॉप-अप रेट भी मंथ-ऑन मंथ बदल सकता है। ऐसे में बैंक से पूछे।
प्रोसेसिंग फीस: करीब 0.5-1% अतिरिक्त फीस देनी पड़ सकती है। अगर आप तुरंत पूरा टॉप-अप नहीं लेते, तब भी फीस कट सकती है।
फोरक्लोजर चार्ज: प्रीपेमेंट की कोशिश करे तो संशोधित चार्ज दरें लागू हो सकती है। कभी- कभी बेस होम लोन से भी ज्यादा
बदलते रेट्स: कई बैंक्स रिवाइज्ड मार्केट को स्टडी करके नए बेस रेट की घोषणा करते हैं। इससे आपका टॉप-अप रेट भी बढ़ सकता है।
होल्डिंग जरूरी: टॉप-अप लेने के बाद कुछ बैंक में न्यूनतम ओपन बैलेंस की शर्त होती है। इसे पूरा न करें तो पेनल्टी लग सकती है।
टेन्योर एन्हांसमेंट कॉस्ट: लोन अवधि जितनी बढ़ेगी, ईएमआई पर ब्याज उतना ही बढ़ेगा। लंबे समय तक ब्याज देना पड़ता है।
क्रेडिट स्कोर: अगर टॉप- अप लेने के बाद ईएमआइ में चूक करते हैं, तो क्रेडिट स्कोर गिर जाएगा। यह भविष्य में दूसरे लोन के लिए रेट बढ़ा सकता है।
Updated on:
05 Aug 2025 09:23 am
Published on:
04 Aug 2025 12:32 pm
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