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आरबीआइ की चेतावनी : कोरोना के कारण सप्लाई चेन पर असर, बढ़ सकती है महंगाई

- कोरोना का कहर जारी, मई में ज्यादा बिगड़ सकते हैं हालात - आरबीआइ का कहना है कि अगर कोरोना के मामले नहीं थमते हैं और पूरे देश में लॉकडाउन लगता है तो इसका असर सप्लाई पर पड़ेगा।

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आरबीआइ की चेतावनी : कोरोना के कारण सप्लाई चेन पर असर, बढ़ सकती है महंगाई

आरबीआइ की चेतावनी : कोरोना के कारण सप्लाई चेन पर असर, बढ़ सकती है महंगाई

नई दिल्ली । देश में कोरोना का दूसरी लहर कम होने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों और लॉकडाउन की चर्चा के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने चेतावनी दी है। आरबीआइ का कहना है कि अगर कोरोना के मामले नहीं थमते हैं और पूरे देश में लॉकडाउन लगता है तो इसका असर सप्लाई पर पड़ेगा। जिसके चलते देश में महंगाई बढऩे का खतरा है। आरबीआइ ने अप्रैल के लिए जारी किए गए बुलेटिन में ये बातें कही है। आरबीआइ का मामना है कि अगर इस पर काबू नहीं किया गया तो इससे सामान की आवाजाही पर लंबे समय तक प्रतिबंध लग सकता है।

इन पर करना होगा फोकस-
आरबीआइ ने कहा है कि कोरोना महामारी प्रोटोकॉल, वैक्सीनेशन में तेजी, अस्पतालों और उससे जुड़ी सुविधाओं के विस्तार के साथ महामारी के बाद मजबूत और टिकाऊ ग्रोथ पर फोकस से ही आगे का रास्ता निकलेगा। हमें अगर मुसीबतों से निकलना है जो जल्द से जल्द इन समस्याओं से निकलना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई मार्च में बढ़कर 5.5 फीसदी हो गई जो फरवरी में 5 फीसदी थी। वहीं खाद्य और ईंधन की कीमतों में तेजी से महंगाई बढ़ी है।

मई में महंगाई बढऩे का खतरा-
देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जिसके चलते कई राज्यों में लाकडाउन समेत कई तरह की पाबंदिया लगाई गई है। इसके कारण आउटलुक में भारी अनिश्चितता व्याप्त हो गई है। इससे अप्रैल और मई में महंगाई बढ़ सकती है। दरअसल कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के कारण देश की राजधानी दिल्ली में बीते 15 दिनों से लॉकडाउन लगा हुआ है। वहीं महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में लॉकडाउन होने के कारण सप्लाई चेन प्रभावित हो रहा है।

कार्यकाल 15 वर्ष तय किया-
भारतीय रिजर्व बैंक ने सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बैंक के एमडी और सीईओ का कार्यकाल तय कर दिया है। सोमवार को सभी वाणिज्यिक बैंकों के लिए जारी एक परिपत्र में आरबीआई ने कहा कि प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) या पूर्णकालिक निदेशक (डब्ल्यूटीडी) के पद पर कोई 15 से साल से ज्यादा समय तक नहीं रह सकता। इसके अलावा, एमडी और सीईओ या डब्ल्यूटीडी, जो प्रमोटर या प्रमुख शेयरधारक भी होते हैं, इन पदों को 12 से साल से ज्यादा समय तक अपने पास नहीं रख सकते।