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क्रिप्टो कंपनियों पर सख्त हुई भारत सरकार, बाइनेंस समेत 9 क्रिप्टो एक्सचेंजों पर चला डंडा, यहां देंखे पूरी लिस्ट

India to block the URLs of 9 crypto exchanges: भारत के विदेश मंत्रालय ने नौ क्रिप्टो एक्सचेंज पर सख्ती की है। उन्हें नोटिस थमाया और अगले कदम के तौर पर उनके यूआरएल भी ब्लॉक भी कर सकती है।

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विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों पर सरकार का डंडा चल गया है। वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टो एक्सचेंज ऑपरेटर बाइनेंस समेत नौ ऑफशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट्स सर्विस प्रोवाइडर्स को कारण बताओ नोटिस थमाया है। आईटी मंत्रालय से कहा गया है कि मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का पालन किए बगैर देश में अवैध रूप से संचालन के लिए इनके यूआरएल को ब्लॉक कर दिया जाए। बाइनेंस के अलावा जिन्हें नोटिस भेजा गया है, उनमें कूकॉइन, हौबी, क्राकेन, गेट.आइओ, बिट्रेक्स, बिस्टैंप, मैक्स्क ग्लोबल और बिटफिनेक्स शामिल हैं।

कंपनियों को इन नियमों का पालन करना होगा

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ऑफशोर और ऑनशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट सेवा प्रदाता भारत में काम कर रहे हैं। वे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और फिएट मुद्राओं के बीच आदान-प्रदान, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स या इंस्ट्रूमेंट्स के हस्तांतरण जैसी गतिविधियों में शामिल हैं। उन्हें फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट-इंडिया के साथ पंजीकृत होना होगा और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों का पालन करना होगा। फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट-इंडिया राष्ट्रीय एजेंसी है, जो प्रवर्तन एजेंसियों और उनके विदेशी समकक्षों से संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने, विश्लेषण करने और प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार है। वित्त मंत्रालय ने कहा, भारतीय यूजर्स के एक बड़े हिस्से को सर्विस प्रोवाइड करने वाली कई ऑफशोर संस्थाएं पंजीकृत नहीं हो रही हैं।

निवेश की आड़ में ठगी के केस बढ़े

भारत में क्रिप्टो में निवेश का लालच देकर लोगों के साथ ठगी के मामले बढ़ गए हैं। क्रिप्टो कंपनियां ठगी की रकम विदेश भेज रही हैं। बैंक, म्यूचुअल फंड जैसे स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म खोलने के लिए दूसरी कंपनियों को तरह के लाइसेंस, जांच और प्रतीक्षा अवधि से गुजरना पड़ता है। क्रिप्टो बाजार में इस तरह का कोई सरकारी सेफ्टी नेटवर्क नहीं है। क्रिप्टो बाजार में मैनीपुलेशन होने पर निवेशक का नुकसान तय है क्योंकि उसके पास यह जानने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है कि उसके निवेश के साथ क्या हो रहा है?

रजिस्ट्रेशन के बगैर कारोबार में लिप्त

* क्रिप्टो प्लेटफॉर्म चाहे भारत से चल रहे हों या बाहर से, इनके लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इनका रजिस्ट्रेशन भारत में फिजिकल उपस्थिति पर निर्भर न होकर भारत में चलने वाली इनकी गतिविधियों पर आधारित है। अब तक वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों के 31 सेवा प्रदाताओं ने फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट के साथ रजिस्ट्रेशन कराया है। बाकी बगैर रजिस्ट्रेशन कारोबार कर रहे हैं।

* इस साल मार्च में वर्चुअली डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल) और काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेररिज्म (सीएफटी) फ्रेमवर्क के तहत लाया गया था।

* दुनियाभर में क्रिप्टो एक्सचेंज संकट के घेरे में हैं। एफटीएक्स जैसी बड़ी गिरावट के कारण इस क्षेत्र में सदमे की लहर है। नवंबर में अमरीकी एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों को तोडऩे का दोषी ठहराए जाने के बाद चेंगपेंग झाओ ने बाइनेंस के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।

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