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Monsoon Inflation: मानसून में देरी से बढ़ेगी महंगाई, टमाटर हुआ लाल…आलू-प्याज के भी दाम चढ़े

खुदरा महंगाई दर भले ही 25 महीने के निचले स्तर पर आ गई हो, लेकिन महंगाई को लेकर चिंताएं अभी भी पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई है।

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खुदरा महंगाई दर भले ही 25 महीने के निचले स्तर पर आ गई हो, लेकिन महंगाई को लेकर चिंताएं अभी भी पूरी तरीके से खत्म नहीं हुई है। मानसून में देरी की आशंका से एक बार फिर प्याज, टमाटर, आलू की कीमतें चढ़ गई है। बीस रुपए किलो में मिलने वाले टमाटर अब 40 रुपए में बिक रहा है। ऐसे ही प्याज और आलू के दामों में भी तीन से चार रुपए प्रति किलो की तेजी देखी गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून की बारिश सामान्य से 53 फीसदी फिलहाल कम है। कमजोर मानसून की शुरूआत के चलते जुलाई में हमेशा खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखने को मिलता है। ऐसे में महंगाई को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही ठीक नहीं होगी।

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किस बात का खतरा

अनाज व्यापारी केजी झालानी ने बताया कि अल नीनो का असर खरीफ फसलों पर बुरी तरह से पड़ सकता है। बारिश कम हुई तो चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन के साथ हरी सब्जियों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। सितंबर से फेस्टिव सीजन आने वाला है। खाद्य चीजों की डिमांड बढ़ेगी। घरेलू डिमांड बढ़ेगी और उत्पादन कमजोर रहा तो संभवत दामों पर दबाव बनेगा।

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सरकार की मजबूरी

मौजूदा समय में सरकार गेहूं, चावल और दालों के दाम कम करने के लिए जूझ रही है। इनकी आपूर्ति बाजार में बढ़ाने के लिए स्टॉक लिमिट जैसे उपाय किए जा रहे हैं। मगर चुनौतियां कम नहीं हो रही है। गेहूं और चावल के दाम में 5 से 6 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। अरहर और उड़द के दालों में 8 फीसदी की तेजी देखी जा रही है।