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IT Refund मिलने में लग सकता है 9 महीने का समय, अगर रिटर्न में कर दीं ये गलतियां

Income Tax Refund आमतौर पर ई-फाइलिंग और ई-वेरिफिकेशन के बाद 4 से 6 हफ्तों के भीतर मिल जाता है।

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भारत

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Ashish Deep

Sep 09, 2025

income tax

Income Tax Refund में अगर समय ज्यादा लगा तो उस पर 6% सालाना ब्याज भी मिलेगा। फोटो : पत्रिका

आकलन वर्ष (AY) 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है। जिन लोगों ने अब तक रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन्हें अब देर नहीं करनी चाहिए क्योंकि लेट फाइलिंग पर पेनल्टी लग सकती है और रिफंड भी देर से मिलेगा। वहीं जिन्होंने समय पर ITR भर दिया है, वे अब आयकर रिफंड का इंतजार कर रहे होंगे। लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि कई बार टैक्स रिफंड आने में 9 महीने तक का समय लग सकता है।

कब मिलता है रिफंड?

आयकर विभाग के अनुसार, आमतौर पर ई-फाइलिंग और ई-वेरिफिकेशन के बाद रिफंड 4 से 6 हफ्तों के भीतर मिल जाता है। लेकिन आयकर कानून विभाग को पूरे वित्तीय वर्ष के खत्म होने के 9 महीने तक रिफंड प्रोसेस करने की छूट देता है। यानी भले ही आपने जल्दी ITR फाइल कर दिया हो, तुरंत रिफंड मिलना तय नहीं है।

क्यों लेट होता है रिफंड

  1. गलत जानकारी देने : PAN, बैंक अकाउंट डिटेल या अन्य डेटा में गड़बड़ी होने पर रिफंड रोका जा सकता है।
  2. Form 26AS और ITR में अंतर : TDS डिटेल्स में मिलान न होने पर विभाग पहले जांच करता है और उसके बाद ही रिफंड जारी करता है।
  3. जटिल ITR फॉर्म : ITR-1 सबसे आसान और जल्दी प्रोसेस होने वाला फॉर्म है। वहीं ITR-2, ITR-3 और ITR-4 में बिजनेस इनकम, कैपिटल गेन या अन्य स्रोतों की जानकारी होती है, इसलिए इन्हें जांचने में अधिक समय लगता है।
  4. पीक सीजन लोड : लाखों लोग अंतिम तारीख के आसपास ITR भरते हैं। इस वजह से सिस्टम पर दबाव बढ़ता है और प्रोसेसिंग धीमी हो जाती है।

कौन-सा ITR कितनी जल्दी प्रोसेस होता है?

  • ITR-1 Sahaj : सैलरी, पेंशन और ब्याज आय वाले लोगों के लिए। सबसे जल्दी प्रोसेस होता है।
  • ITR-2 : कैपिटल गेन, मल्टीपल प्रॉपर्टी या विदेशी आय वाले टैक्सपेयर्स के लिए। समय ज्यादा लग सकता है।
  • ITR-3 : बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम वालों के लिए। सबसे ज्यादा समय लेने वाला।
  • ITR-4 Sugam : प्रिजम्प्टिव इनकम स्कीम अपनाने वालों के लिए। ITR-1 से अधिक समय लगता है।

रिफंड पाने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?

  • समय पर ITR फाइल करें।
  • ई-वेरिफिकेशन जरूर करें, बिना इसके रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा।
  • बैंक डिटेल्स (अकाउंट नंबर, IFSC) सही भरें।
  • Form 26AS और Annual Information Statement (AIS) को पहले से चेक करें।
  • ITR स्टेटस को लगातार ट्रैक करते रहें और ‘ITR Processed’ कन्फर्मेशन का इंतजार करें।

आगे कैसी रहेगी स्थिति?

पिछले कुछ साल में आयकर विभाग ने ऑटोमेशन और सिस्टम कैपेसिटी में काफी सुधार किया है। नतीजतन, साधारण मामलों में रिफंड पहले की तुलना में जल्दी मिल रहा है। लेकिन जिन मामलों में कोई गड़बड़ी, अंतर या जटिलता होती है, वहां प्रोसेसिंग लंबी खिंच सकती है।