
Manufacturing PMI: भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने वर्ष 2025 की शुरुआत एक शानदार प्रदर्शन के साथ की है। जनवरी महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआइ (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) 6 महीने के सर्वोच्च स्तर 57.7 पर पहुंच गया, जो दिसंबर में 56.4 था। यह आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing PMI) की मजबूती और वृद्धि को दर्शाता है, क्योंकि पीएमआइ 50 के ऊपर होना सामान्य तौर पर क्षेत्र में विकास को प्रकट करता है। । पिछले महीने के दौरान भारत के एक्सपोर्ट्स ने 14 साल की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की, जो कि देश की मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत है। यह वृद्धि विशेष रूप से नए ऑर्डर्स में उछाल की वजह से देखी गई, जो जुलाई के बाद सबसे तेज गति से बढ़े। इस गति से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक मांग और घरेलू उत्पादन दोनों में निरंतर सुधार हो रहा है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को समर्थन मिल रहा है।
2024-25 में पीएमआइ (Manufacturing PMI) में सुधार का एक महत्वपूर्ण रुझान रहा है। अप्रैल में यह 58.8 पर था, मई में 57.5, जून में 58.3, जुलाई में 58.1, अगस्त में 57.5, सितंबर में 56.5, अक्टूबर में 57.5, नवंबर में 56.5 और दिसंबर में 56.4 पर था। हालांकि जनवरी में यह आंकड़ा 57.7 पर पहुंच गया, जो कि पिछले 6 महीनों में सबसे उच्चतम स्तर है। यह बढ़ोतरी भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए सकारात्मक खबर है, जो वैश्विक आर्थिक माहौल में चल रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद स्थिरता और विकास की ओर अग्रसर है।
जनवरी में एक्सपोर्ट्स (Manufacturing PMI) में अत्यधिक तेजी देखने को मिली, जो पिछले 14 वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी थी। यह वृद्धि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए बेहद अहम है, क्योंकि वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा और मांग में बढ़ोतरी के कारण भारत के उत्पादों की मांग में उछाल आई है। नए ऑर्डर्स में भी वृद्धि हुई है, जो दिसंबर के बाद जनवरी में सबसे तेज रफ्तार से बढ़े हैं। इससे कंपनियों को उत्पादन में वृद्धि करने और अपनी कैपेसिटी का उपयोग बेहतर तरीके से करने का अवसर मिल रहा है। इस विकास से भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र (Manufacturing PMI) को और अधिक आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा, साथ ही वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
एचएसबीसी के सर्वेक्षण के अनुसार, कंपनियों ने वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही की शुरुआत में नए कर्मचारियों की भारी संख्या में भर्तियां की हैं। यह वृद्धि पिछले 20 वर्षों में सबसे तेज रही है। रोजगार के अवसरों में यह वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र (Manufacturing PMI) की मजबूती और विकास को दर्शाती है। कंपनियों को अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता हो रही है, जो भारत में रोजगार के अवसरों में इजाफा कर रही है।
इसके अलावा, इनपुट कॉस्ट (Manufacturing PMI) में दूसरी बार गिरावट दर्ज की गई है, जिससे कंपनियों पर अपने उत्पादों की कीमतों को बढ़ाने का दबाव कम हुआ है। यह संकेत है कि उत्पादन लागत में कमी आने के कारण कंपनियां ज्यादा लाभ कमाने की स्थिति में हैं, और साथ ही उपभोक्ताओं को भी कीमतों में स्थिरता का लाभ मिल सकता है।
Updated on:
04 Feb 2025 11:45 am
Published on:
04 Feb 2025 11:42 am
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