
MSME Loan: सूक्ष्म और छोटे-मझोले उद्योमों (MSME) को लोन देने के लिए बैंक अब किसी थर्ड पार्टी एजेंसी या एमएसएमई के टर्नओवर की जानकारी पर निर्भर नहीं रहेंगे। बैंक बाहरी मूल्यांकन पर निर्भरता के बजाय अपनी आंतरिक क्षमता विकसित करेंगे और यह पूरी तरह से डिजिटल और डेटाबेस पर आधारित होगी। इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल लॉन्च कर दिया है, जिसकी घोषणा आम बजट में की गई थी। इस मॉडल की मदद से लोन के लिए एमएसएमई को बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे कहीं से भी आवेदन कर सकते हैं और किसी प्रकार की कागजी कार्रवाई भी नहीं करनी होगी।
नए क्रेडिट मूल्यांकन मॉडल को अपनाने का यह भी फायदा होगा कि डिजिटल माध्यम से लोन को तत्काल सैद्धांतिक मंजूरी मिलेगी। ऋण प्रस्तावों को बिना किसी बाधा के आगे बढ़ाया जा सकेगा, परिचालन व सेवा प्रदान करने में कम समय लगेगा और डाटा के आधार पर निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लोन दिए जा सकेंगे। क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर एमएसएमई के तहत लोन के लिए किसी तरह की जमानत (कोलैट्रल) देने की जरूरत नहीं होगी।
नए मॉडल के तहत आवेदनकर्ता के डिजिटल और सत्यापन योग्य उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे MSME से जुड़े नए उद्यमियों को भी लोन लेने में आसानी होगी। नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजटरी लिमिटेड के उपयोग से नाम और पैन का सत्यापन किया जाएगा। ओटीपी की मदद से ई-मेल और फोन नंबर का सत्यापन होगा। इनकम टैक्स रिटर्न, बैंक स्टेटमेंट से वित्तीय विश्लेषण होगा। एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस से आवेदक की कमर्शियल और उपभोक्ता जानकारी ली जाएगी। डिजिटल डेटा से आवेदक की छवि की जांच की जाएगी।
Published on:
08 Mar 2025 08:56 am
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