
योजना ग्रामीण महिलाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़ रही है (PC: GenAI)
केंद्र सरकार महिलाओं को ध्यान में रखकर कई कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। कई योजनाएं खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं के लिए होती हैं, जिनसे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आ रहा है। इन्हीं में से एक योजना है, जिसका नाम है नमो ड्रोन दीदी योजना। जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
इस योजना की सबसे खास बात ये है कि ये ग्रामीण महिलाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़ रही है। बनासकांठा जिले के तालेपुरा गांव में रहने वाली आशा चौधरी ने इस योजना के तहत ट्रेनिंग और सहायता ली। जिसके दम पर उन्होंने इसे स्वरोजगार में बदल दिया। अब वो अपने समुदाय में आत्मविश्वास और प्रगति की मिसाल बन चुकी हैं।
इस योजना के तहत ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आशा को केंद्र सरकार से 17 लाख रुपये कीमत का ड्रोन किट मिला। उन्होंने ड्रोन आधारित कृषि सेवाएं शुरू कीं, जैसे फसलों पर छिड़काव और खेतों की निगरानी वगैरह। अबतक गांवों में जहां पर पारंपरिक रूप से ये काम होता आया था, ये तरीका उससे काफी अलग था। क्योंकि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन ने समय और मेहनत दोनों की बचत की, साथ ही आशा के लिए कमाई का एक नया रास्ता भी खोल दिया। आशा चौधरी आज आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं, अपने पैरों पर खड़ी हैं। अपने परिवार को सपोर्ट करने के साथ साथ दूसरों को भी प्रोत्साहित कर रही हैं. आज वो अपने गांव की रोल मॉडल बन चुकी हैं.
अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहती हैं और आशा चौधरी की तरह ही आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहती हैं. तो चलिए जानते हैं इस योजना के बारे में।
ग्रामीण महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की। इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को कृषि कामों के लिए ड्रोन दिए जाते हैं। जो दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) से जुड़े हों। महिलाओं को ड्रोन उड़ाने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। जब महिलाएं ड्रोन ऑपरेट करना सीख जाती हैं तो वो किसानों को किराये पर ड्रोन सर्विसेज देती हैं।
ड्रोन सर्विसेज का मतलब, जैसे कि खेतों में फर्टिलाइजर छिड़काव करना हो या फिर कीटनाशक छिड़कना हो, जो अभी पारंपरिक तरीके से होता है, ड्रोन के जरिए किया जाता है। इससे समय बचता है, पैसे भी बचते हैं। इससे महिलाओं को भी आमदनी का एक बढ़िया जरिया मिलता है।
अगर आप या आपका सेल्फ हेल्प ग्रुप अप्लाई करना चाहता है, तो ग्राम पंचायत, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या NRLM ऑफिस से संपर्क कर सकते हैं। ये योजना 2023-24 से 2025-26 तक चल रही है। यानी 31 मार्च 2026 तक अभी चलेगी। इसके बाद केंद्र सरकार इस योजना को आगे विस्तार देगी या नहीं इस पर फैसला करेगी।
Updated on:
29 Dec 2025 02:21 pm
Published on:
29 Dec 2025 02:17 pm
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