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Bank Strike: 24 और 25 मार्च को बंद रहेंगे बैंक! हड़ताल को लेकर जानें अपडेट

Bank Strike: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने 24-25 मार्च 2025 के लिए घोषित हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है। यह निर्णय बैंक एसोसिएशन ने मुख्य श्रम आयुक्त और अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया गया।

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भारत

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Devika Chatraj

Mar 24, 2025

Bank Strike on 24th and 25th March: बैंक ग्राहकों के मन में यह सवाल बना हुआ है कि क्या आज बैंक खुले हैं या नहीं? दरअसल, बैंक यूनियन ने 24 और 25 मार्च को हड़ताल की घोषणा की थी, जिसके कारण कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से बैंक शाखाओं में नियमित कामकाज प्रभावित हो सकता था। लेकिन आपको यह जानकर राहत होगी कि आज बैंकों में सामान्य रूप से काम होगा, क्योंकि प्रस्तावित हड़ताल को रद्द कर दिया गया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने 24-25 मार्च 2025 के लिए घोषित हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया है। यह निर्णय बैंक एसोसिएशन ने मुख्य श्रम आयुक्त और अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया है।

आज खुलेंगे बैंक?

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) द्वारा 24-25 मार्च 2025 के लिए घोषित हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। बैंक एसोसिएशन ने यह फैसला मुख्य श्रम आयुक्त और अन्य पक्षों के साथ चर्चा के बाद लिया है। इसलिए, आज बैंकों में नियमित कामकाज जारी रहेगा।

कौन-कौन से बैंको पर पड़ेगा असर?

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने पहले 24 और 25 मार्च के लिए देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी, जिसके कारण सभी सरकारी और निजी बैंक, जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), ICICI, HDFC आदि प्रभावित हो सकते थे।

बैंक हड़ताल का कारण

बैंक हड़ताल का कारण आमतौर पर बैंक कर्मचारियों और यूनियनों की मांगों से जुड़ा होता है, जो सरकार या बैंक प्रबंधन द्वारा पूरी न किए जाने पर उठता है। 24-25 मार्च 2025 के लिए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) द्वारा प्रस्तावित हड़ताल के पीछे भी ऐसे ही कुछ मुद्दे थे। UFBU, जो विभिन्न बैंक यूनियनों का एक संगठन है, अक्सर कर्मचारियों के वेतन संशोधन, बेहतर कामकाजी परिस्थितियों, पेंशन सुधारों, और बैंकों के निजीकरण जैसे नीतिगत फैसलों के खिलाफ आवाज उठाता है। इस बार भी हड़ताल का ऐलान संभवतः इनमें से कुछ मांगों को लेकर किया गया था, जैसे कि वेतन वृद्धि पर सहमति न बनना या सरकारी नीतियों का विरोध।

हालांकि, यह हड़ताल मुख्य श्रम आयुक्त और बैंक एसोसिएशन के साथ चर्चा के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस चर्चा में संभवतः कुछ मांगों पर सहमति बनी या आगे बातचीत का आश्वासन दिया गया, जिसके चलते हड़ताल रद्द हुई। इस तरह, आज बैंक सामान्य रूप से खुले रहेंगे।

हड़ताल के पीछे प्रमुख मांगें

स्टाफ की कमी: कार्यभार को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए सभी संवर्गों में तत्काल भर्ती की आवश्यकता है।

बोर्ड प्रतिनिधित्व: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मचारियों और अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति।

नौकरी की सुरक्षा संबंधी चिंताएं: वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा शुरू की गई कार्यनिष्पादन समीक्षा और प्रोत्साहन नीतियों को वापस लिया गया है, जिसके बारे में यूनियनों का तर्क है कि इससे रोजगार की स्थिरता को खतरा है।

बैंक स्वायत्तता: डीएफएस द्वारा "सूक्ष्म प्रबंधन" के रूप में वर्णित कार्य का यूनियनों द्वारा विरोध किया जाता है, जिसमें जोर दिया जाता है कि अत्यधिक हस्तक्षेप से बैंक बोर्डों की स्वतंत्रता कमजोर होती है।

ग्रेच्युटी अधिनियम संशोधन: ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का प्रस्ताव, इसे सरकारी कर्मचारियों के लाभों के अनुरूप लाने के साथ-साथ ग्रेच्युटी भुगतान पर कर छूट की मांग।

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