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क्या होगा इंडसइंड बैंक का? जानें क्या हो रहा है एक्शन

Indusind Bank: बैंक ने 9 मार्च, 2025 तक 113 प्रतिशत का लिक्विडिटी कवरेज रेशो (एलसीआर) बनाए रखा, जो 100 प्रतिशत की नियामक जरूरत से काफी ऊपर है।

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भारत

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Anish Shekhar

Mar 21, 2025

इंडसइंड बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों की जांच के लिए एक स्वतंत्र पेशेवर फर्म को नियुक्त किया है।पिछले सप्ताह बैंक ने जानकारी दी थी कि उसने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों की पहचान की है, जिसका दिसंबर 2024 तक उसके नेटवर्थ पर लगभग 2.35 प्रतिशत प्रभाव पड़ सकता है।

स्टॉक एक्सचेंजों को दिए गए एक नए बयान में बैंक ने कहा कि स्वतंत्र फर्म हाल ही में पेश की गई लेखांकन विसंगतियों के मूल कारण की पहचान करने के लिए एक बड़े स्तर पर जांच करेगी। फर्म अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स को लेकर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के अकाउंटिंग ट्रीटमेंट के सही या गलत होने और इसके प्रभाव का आकलन करेगी।

बाहरी एजेंसी द्वारा चल रही समीक्षा

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया, "10 मार्च 2025 को बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़े अकाउंट बैलेंस को लेकर बैंक द्वारा पहचानी गई कुछ विसंगतियों की एक बाहरी एजेंसी द्वारा चल रही समीक्षा की जानकारी दी थी। बैंक ने कहा था कि एक बार रिव्यू पूरा हो जाने पर यह अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट पर पड़ने वाले किसी भी परिणामी प्रभाव की जानकारी खुद ही देगा।

इसके अलावा, निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में एक स्वतंत्र पेशेवर फर्म को नियुक्त करने का फैसला किया था। फर्म को विसंगतियों के मूल कारण की पहचान करने, अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स को लेकर डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट के अकाउंटिंग ट्रीटमेंट के सही या गलत होने; इसके प्रभाव का आकलन करने, किसी भी चूक की पहचान करने और जवाबदेही के लिए एक बड़ी जांच करने के उद्देश्य से नियुक्त किया जाना तय हुआ था।

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इंडसइंड बैंक की वित्तीय हालत स्थिर

बैंक ने पहले कहा था कि बैंक के इंटरनल रिव्यू की फाइंडिंग्स की जांच के लिए एक बाहरी एजेंसी काम कर रही है। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इंडसइंड बैंक की वित्तीय हालत के बारे में अटकलों के बाद बैंक के जमाकर्ताओं को बैंक की वित्तीय स्थिरता का आश्वासन दिया है। केंद्रीय बैंक ने पुष्टि की कि बैंक अच्छी तरह से पूंजीकृत है और जमाकर्ताओं के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। आरबीआई ने कहा कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय हालत स्थिर बनी हुई है और रिजर्व बैंक इस पर कड़ी निगरानी रख रहा है।

आरबीआई के अनुसार, इंडसइंड बैंक ने 31 दिसंबर, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए 16.46 प्रतिशत का कैपिटल एडवकेसी रेशो (सीएआर) और 70.20 प्रतिशत का प्रोविजन कवरेज रेशो (पीएआर) दर्ज किया है। बैंक ने 9 मार्च, 2025 तक 113 प्रतिशत का लिक्विडिटी कवरेज रेशो (एलसीआर) बनाए रखा, जो 100 प्रतिशत की नियामक जरूरत से काफी ऊपर है। केंद्रीय बैंक ने वित्तीय अनिश्चितताओं के दौरान जमाकर्ताओं की सुरक्षा में अपने मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर भी जानकारी दी।