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UPI से पेमेंट के लिए नहीं डालना पड़ेगा PIN, फिर क्या करना होगा? जानिए क्या है NPCI की योजना

New UPI Rules 2025: ऑनलाइन पेमेंट में पिन चोरी और धोखाधड़ी के रोकने के लिए एनपीसीआई नया अपडेट लाने की तैयारी कर रहा है। इसमें यूपीआई पेमेंट के लिए पिन की जरूरत नहीं होगी। फेस और फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक्स का यूज होगा।

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Jul 30, 2025
NPCI यूपीआई पेमेंट में एक नया अपडेट लाने की तैयारी कर रहा है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी NPCI यूपीआई सर्विस से जुड़ा एक बड़ा अपडेट लाने की तैयारी में है। इससे लोग यूपीआई पेमेंट के लिए पिन डालने की जगह चेहरे की पहचान (फेस रिकॉग्निशन) और फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक्स का उपयोग कर सकेंगे। इस नए फीचर की अभी समीक्षा की जा रही है। जानकारों का कहना है कि इससे यूपीआई की सुरक्षा और पुख्ता होगी, क्योंकि इनमें पिन चोरी और धोखाधड़ी की ज्यादा गुंजाइश नहीं रहेगी। आगामी 2025 ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में इस फीचर को प्रदर्शित किया जा सकता है।

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शुरू में लग सकती है लिमिट

बायोमेट्रिक्स के माध्यम से किए गए लेनदेन में शुरुआती चरण के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा के लिए मूल्य सीमा तय की जा सकती है। इस बीच फेडरल बैंक ने इसी हफ्ते ऐसी सुविधा शुरू की है, जिसमें ग्राहक सिर्फ अपने चेहरे की पहचान या अंगुलियों के निशान से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भुगतान कर पाएंगे। इसके लिए ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एक अगस्त से हो रहे UPI से जुड़े ये 5 बदलाव

शेष राशि की जांच: पीक आवर में इस सुविधा को सीमित किया जाएगा या रोका जाएगा। ग्राहक एक दिन में 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकता है।

बैंक बताएंगे आपका बैलेंस: हर भुगतान के बाद शेष राशि की जानकारी एसएमएस से मिलेगी। इससे बार-बार बैलेंस देखने की जरूरत नहीं होगी।

बैंक खातों की जांच: केवल 25 बार ही यह देख पाएंगे कि आपके मोबाइल नंबर से कौन- कौन से बैंक खाते जुड़े हुए हैं।

ऑटोपे मैंडेट: केवल गैर-व्यस्त घंटे सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से रात 9:30 बजे तक माने जाएंगे। ऐप या किसी सर्विस का सब्सक्रिप्शन ऑटोपे मैंडेट के जरिए व्यस्त समय में नहीं ले पाएंगे।

पेमेंट का स्टेटस चेक: कोई लेनदेन बीच में अटक जाता है, तो बैंक या पीएसपी पर 90 सेकंड तक इंतजार करने के बाद स्टेटस देख सकेंगे। दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही स्टेटस चेक कर सकेंगे।

10 सर्विसेस की डेली लिमिट तय

एक अगस्त से यूपीआई से जुड़ी 10 सेवाओं और सुविधाओं की दैनिक सीमा तय की गई है। इनमें बैलेंस जांचना, ऑटोपे मैंडेट एक्टिव करना, लेनदेन की स्थिति जांचना, यूपीआई से जुड़े खातों की लिस्ट प्राप्त करना आदि शामिल हैं। हर बैंक को साल में एक बार अपने सिस्टम का ऑडिट भी कराना होगा।

Updated on:
30 Jul 2025 01:44 pm
Published on:
30 Jul 2025 10:04 am
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