
Onion Price: कभी ग्राहकों के आंसू निकालने वाली प्याज इस समय किसानों के आंसू निकल रही है। महाराष्ट्र की कई कृषि मंडियों में प्याज का दाम उत्पादन लागत से भी नीचे पहुंच चुके हैं। प्याज के गिरते हुए दामों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। महाराष्ट्र की थोक मंडियों में प्याज एक रुपए से 11 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक रही है। हालांकि, प्याज के खुदरा व्यापारी इसकी बिक्री अभी से 25-40 रुपए किलो तक कर रहे हैं।
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का न्यूनतम दाम प्रति क्विंटल 500 रुपए और अधिकतम 1400 रुपए है। वहीं औसत दाम 1100 रुपए प्रति क्विंटल है। राज्य की दूसरी मंडियों में हालात और भी खराब है। सोलापुर मंडी में प्याज का न्यूनतम दाम सिर्फ एक रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।
दूसरे राज्यों में भी इस समय प्याज को भाव नहीं मिल रहा है। एगमार्क के मुताबिक चालू महीने में महाराष्ट्र में प्याज का औसत दाम 733 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि पिछले महीने यहा 870 रुपए था। यानी एक महीने में कीमत करीब 16 प्रतिशत गिर गई है। वहीं पिछले साल के मुकाबले प्याज 29 प्रतिशत सस्ती बिक रही है। दिल्ली-एनसीआर में मई में प्याज का औसत दाम 1093 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि अप्रेल का औसत दाम 1364 रुपए और पिछले साल मई का औसत दाम 1682 रुपए प्रति क्विंटल था। कारोबारियों का कहना है कि पिछले कुछ दिन से लगातार हो रही बारिश की वजह से प्याज में पानी लग चुका है। इस वजह से पानी लगे प्याज की आवक ज्यादा हो रही है, जिससे कीमतें तेजी से गिरी है।
केंद्र सरकार को गेहूं की खरीदारी में इस साल बड़ी सफलता मिली है। केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चालू मार्केटिंग ईयर 2025-26 में अब तक 286.6 लाख टन गेहूं की खरीद कर ली है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की कुल खरीद 265.9 लाख टन से अधिक है, साथ ही वर्ष 2022-23 के बाद की सबसे बड़ी गेहूं खरीद है। सरकार ने इस वर्ष गेहूं उत्पादन के रेकॉर्ड स्तर 11.53 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान जताया है, जिससे खरीद में तेजी आई है।
एफसीआई के के अनुसार, 16 मई तक पंजाब में सबसे अधिक 115.7 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। इसके बाद मध्यप्रदेश में 74 लाख टन, हरियाणा में 70.1 लाख टन और राजस्थान में 16.4 लाख टन की खरीद हुई है। उत्तर प्रदेश में भी खरीद पिछले साल से बेहतर रही है। अब तक 62,346 करोड़ रुपए की एमएसपी राशि किसानों को दी जा चुकी है, जिससे लगभग 22.7 लाख किसानों को लाभ मिला है।
Updated on:
17 May 2025 11:14 am
Published on:
17 May 2025 07:32 am
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