आतंकवादियों की मदद न करे सरकार आपको बता दें कि पाकिस्तान के बैंकों ने सरकार से मांग की है कि वो आतंकवादियों को मदद देना बंद करें। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो वह जल्द ही कंगाली की स्थिति में आ जाएंगे। बैंकों के संगठन ने सरकार से कहा कि वह तुरंत आतंकियों की फंडिंग और हवाला कारोबार पर रोक लगाएं क्योंकि पाकिस्तान के बैंकों को डर है कि कहीं आतंकवाद के कारण वह सबी लोग डूब जाएंगे।
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विदेशी निवेश पर भी पड़ेगा असर इसके साथ ही बैंकों ने कहा कि अगर सरकार यह कदम नहीं उठाती है तो फिर हमारे देश में होने वाला विदेशी निवेश पर भी असर पड़ सकता है। अगर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकालकर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है तो पाकिस्तान में विदेशी निवेश जीरो हो जाएगा। पाकिस्तान के बैंकर्स ने कहा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए।
एफएटीएफ ने दी चेतावनी एफएटीएफ ने लोगों को बताया कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग रोकने में नाकाम रहा है। इसके साथ ही एफएटीएफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान देश में आतंकवाद का साथ देता रहेगा और एफएटीएफ की 27 मांगों पर काम नहीं करता है तो उसे ‘ग्रे’ से ‘ब्लैक’ लिस्ट में डाल दिया जाएगा। एफएटीएफ ने कहा कि वह पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले पर गौर करते हुए गंभीर चिंता जताता है और उसकी निंदा करता है।