पंजाब नैशनल बैंक 11,400 करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने बैंक पर गाज गिराते हुए कहा है कि सारी देनदारी की उसे ही भरपाई करनी होगी। अगर पी.एन.बी. ने अन्य बैंकों को इतने बड़े घोटाले की भरपाई नहीं की तो फिर बैंकिंग सैक्टर को काफी नुक्सान उठाना पड़ेगा। वहीं सरकारी अधिकारियों ने दावा किया है कि इस घोटाले की राशि 20,000 करोड़ रुपए तक हो सकती है तथा इस मामले में कई बैंकों की संलिप्तता हो सकती है।
घोटाला उजागर होने के बाद से वित्त मंत्रालय, सीबीआई और ईडी के अधिकारी अब इस सवाल की पड़ताल कर रहे हैं कि पीएनबी के अधिकारियों को जब घोटाले का पता चला तो उन्होंने सारी जानकारी इकट्टे क्यों नहीं दी? पीएनबी ने सीबीआई को शिकायत में सारी जानकारी न देकर, यह किस्तों में देने का फैसला क्यों किया।
अधिकारियों ने अभी तक जिन जानकारियों का खुलासा किया है उनमे सबसे अहम यह है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ धोखाधड़ी को लेकर इस समय सुर्खियों में चल रहा नीरव मोदी बैंक की ओर से इस मामले में शिकायत मिलने से काफी दिन पहले गत एक जनवरी को ही देश से बाहर चला गया था। नीरव मोदी का भाई निशाल बेल्जियम का नागरिक है। वह भी एक जनवरी को भारत छोड़ गया। वे दोनों साथ गए या अलग अलग गए, इस बात की जांच अभी की जानी है। नीरव की पत्नी और अमरीकी नागरिक एमी छह जनवरी को यहां से निकलीं। उसके चाचा तथा गीतांजलि जूलरी के प्रवर्तक मेहुल चौकसी चार जनवरी को देश छोड़कर चले गए।
गुरुवार तड़के शुरू हुई कार्रवाई में मुंबई, गुजरात और दिल्ली में कम से कम दस जगह छापे डाले गए। ये छापे आभूषण डिजाइनर नीरव मोदी और कुछ अन्य के खिलाफ 280 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मारे गए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई, दिल्ली और गुजरात में छापेमारी में 5,100 करोड़ रुपये के हीरे, सोने के आभूषण जब्त किए। एजेंसी ने ये कार्रवाई पंजाब नेशनल बैंक पीएनबी की शिकायत पर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर की है। आपको बता दूं कि एजेंसी ने मोदी, उनकी पत्नी एमी, भाई निशाल और कारोबारी भागीदार मेहुल चौकसी के खिलाफ कल मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि एजेंसी ने मोदी और अन्य आरोपियों की मुंबई में पांच संपत्तियां सील की हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अरबपति ज्वैलरी डिजायनर नीरव मोदी और उनके साझेदार मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द करने की मांग की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मोदी के पासपोर्ट रद्द करने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क करने की तैयारी कर रहा है। आपको बता दूं कि वे दोनों पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी 150 गारंटी पत्रों के जरिए 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के कथित फर्जी लेनदेन में मुख्य आरोपी हैं।
इस मामले में नई खबर ये भी है कि नीरव मोदी की हीरों की कंपनी की ब्रैंड ऐंमबेस्डर रहीं बॉलिवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने उसपर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। हालांकि इस बात की अभी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि प्रियंका की मैनेजमेंट टीम ने आरोप लगाया है कि उन्हें उनके विज्ञापनों के लिए उतना पैसा नहीं दिया गया, जितने की दोनों के बीच बात हुई थी। नीरव के हीरों के इस विज्ञापन में प्रियंका चोपड़ा के अलावा सिद्धार्थ मल्होत्रा भी उनके साथ नजर आए थे। इसके साथ ही खबर है कि सिद्धार्थ मल्होत्रा भी इस कंपनी से अपने करार को तोड़ने की जुगत में लग गए हैं।
बैंक को इस मामले में पहली बार संदेह 16 जनवरी को हुआ। जब आरोपी कंपनी डायमंड आर यूएस, सोलार एक्सपोटर्स व स्टेलर डायमंड्स ने आयात दस्तावेजों के साथ उससे संपर्क किया और गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करने का आग्रह किया। ताकि वो विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को पैसों का भुगतान कर सकें। एफआईआर के अनुसार बैंक को इससे पहले घोटाले की कोई जानकारी अपनी प्रणाली में नहीं मिली। अधिकारियों के अनुसार पीएनबी ने 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के बारे में 29 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को शिकायत की थी।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक नीरव मोदी स्विट्जरलैंड में हो सकता हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दावोस में नामी भारतीय कंपनियों के सीईओ के समूह के साथ फोटो में शामिल है। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के सम्मेलन की इस तस्वीर को 23 जनवरी प्रेस सूचना ब्यूरो ने जारी किया था। इसके छह दिन बाद ही पंजाब नेशनल बैंक ने उनके खिलाफ पहली शिकायत की।
पीएनबी की तरफ से शिकायत मिलने के तत्काल बाद सीबीआई अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए 31 जनवरी को एफआईआर दर्ज की। उसने मुंबई व सूरत में 20 स्थानों पर तलाशी ली। चार फरवरी को नीरव मोदी तथा तीन आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया।
सीबीआई ने नीरव, उनकी पत्नी, भाई व कारोबार भागीदारी चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को मामला दर्ज किया था। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक से कथित रूप से 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का है। बैंक ने पहली शिकायत के पखवाड़े भर में ही सीबीआई से संपर्क कर कहा कि यह मामला 11,400 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन का है।