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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के सीने में दर्द और जलन की शिकायत के बाद, चेन्नई के हॉस्पिटल में हुए भर्ती

RBI: शक्तिकांत दास जिन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के नेतृत्व में कई आर्थिक सुधारों और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है, उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद चेन्नई के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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मुंबई

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Ratan Gaurav

Nov 26, 2024

RBI

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास को सोमवार रात चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार, उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद मेडिकल जांच के लिए लाया गया था। फिलहाल वे विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में हैं और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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शक्तिकांत दास के सीने में दर्द (RBI Governor Chest Pain)

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (shaktikanta das),जिन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) के नेतृत्व में कई आर्थिक सुधारों और नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया है,हाल ही में सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल पहुंचे। एक सूत्र ने बताया कि उनकी स्थिति स्थिर है,लेकिन डॉक्टर पूरी तरह से सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति सामान्य हो। अपोलो अस्पताल की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि गवर्नर को आराम और विशेष चिकित्सीय परीक्षण के लिए भर्ती किया गया है।

शक्तिकांत दास की भूमिका और जिम्मेदारी

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास(shaktikanta das) भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर हैं और उन्होंने दिसंबर 2018 में यह पदभार संभाला था। उनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान। उन्होंने न केवल मौद्रिक नीति को संतुलित किया बल्कि वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए। दास की व्यस्तता और काम का दबाव उनकी स्वास्थ्य स्थिति को प्रभावित कर सकता है। उनके कार्यकाल में उन्होंने ब्याज दरों को नियंत्रित रखने, मुद्रास्फीति को काबू में करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उनकी अनुपस्थिति में RBI की गतिविधियों पर नजर रखना जरूरी हो सकता है।

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आर्थिक प्रभाव की चिंताएं

RBI गवर्नर का स्वास्थ्य न केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा है बल्कि इसका असर भारतीय वित्तीय प्रणाली पर भी पड़ सकता है। गवर्नर दास मौद्रिक नीतियों के निर्धारण, बैंकों के नियमन और वित्तीय बाजारों के स्थिरीकरण के मुख्य केंद्र हैं। उनकी बीमारी की खबर से वित्तीय बाजारों में हलचल मच सकती है, क्योंकि उनका नेतृत्व वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, आरबीआई की कार्य प्रणाली इस तरह से बनाई गई है कि गवर्नर की अनुपस्थिति में भी संगठन सुचारू रूप से चलता रहे।

पिछले घटनाक्रम और उनके प्रभाव

शक्तिकांत दास(shaktikanta das) इससे पहले भी अपनी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चर्चा में आए थे, जब महामारी के दौरान उन्होंने लगातार काम करके आर्थिक सुधारों को लागू किया। उनकी दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की जाती रही है, लेकिन उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर ध्यान देना अब जरूरी है।