
Risks in being a loan guarantor and how to deal with them
आम आदमी को कई बार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन की जरूरत पड़ जाती है। ऐसे में सभी का ध्यान सबसे पहले पर्सनल लोन के लिए जाता है। पर्सनल लोन लेना आजकल बहुत आसान है, जिसके लिए आपको बैंक या फिर उस फाइनेंसिंग लैंडिंग पार्टनर के पैमानों पर खरा उतरना होगा, जिसमें आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और जगह (जहां आप रहते हैं या एड्रेस प्रूफ है) मायने रखती है। अगर आप बैंक के इन पैमानों पर खरे नहीं उतरते हैं तो बैंक आपको एक विकल्प देती है कि आप एक या दो गारंटर की मांग करती है। छोटे-मोटे लोन के लिए गारंटर की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन कई बार ज्यादा पर्सनल लोन, कार लोन या होम लोन पर आपको गारंटर की जरूरत पड़ती है।
हालांकि, आप जान लीजिए कि अगर आप भी किसी के गारंटर बनना चाहते हैं या बन चुके हैं तो आपको कई बड़ी समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। गारंटर के मायने सीधे और साफ शब्दों में ये हैं कि आप किसी कर्जदार को लोन दिलाने के लिए गारंटी दे देते हैं कि वो लोन समय रहते चुकाएगा, लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता है तो गारंटर की जिम्मेदारी होती है कि कर्ज की भरपाई करे। इसलिए इसके हर पहलू को आप अच्छे से समझ लीजिए कि आपको कहीं मुसीबत में तो नहीं फंसना पड़ जाएगा।
आमतौर पर लोन के केस में दो तरह के गारंटर होते हैं। इनमें पहला गारंटर होता है गैर वित्तीय गारंटर और दूसरा होता है वित्तीय गारंटर। पहले वाले केस में अगर आप गारंटर हैं तो आपकी जिम्मेदारी सिर्फ इतनी है कि उस व्यक्ति की जानकारी आपको देनी पड़ सकती है। वहीं, दूसरे केस में अगर कर्जदार पैसा नहीं चुकाता है तो रकम आपसे वसूली जा सकती है। इसके लिए बैंक कई तरह के हथकंडे अपना सकती है, जिससे कि आपके ऊपर पैसा जमा करने के लिए दबाव आए।
किन चीजों का रखें ध्यान
अगर आप किसी के गारंटर बन रहे हैं या बनने की सोच रहे हैं तो आप अच्छे से इस बात को जान लें कि उसकी लोन चुकाने की क्षमता है या नहीं? आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि उसने कहीं पहले से लोन तो नहीं ले रखे हैं। अगर ले रखे हैं तो क्या वो उसका भुगतान समय से कर रहा है? या फिर कहीं ऐसा न हो कि नई लोन से उसके ऊपर ईएमआई (ईजी मंथली इंस्टॉलमेंट) का बोझ बढ़ जाए और उसकी ईएमआई बाउंस हो जाएं।
इसके अलावा गारंटर बनने के केस में एक बात ये भी देखी जाती है कि कई बार आप किसी को एडऑन के रूप में लोन या क्रेडिट कार्ड दिलवा देते हैं, लेकिन वो समय से भुगतान नहीं करता है या फिर डिफॉल्टर बन जाता है तो इस स्थिति में आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है, जिससे भविष्य में आपको भी लोन मिलने की संभावना कम हो जाती है। ऐसे में गारंटर बनने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
Updated on:
30 Apr 2022 11:50 pm
Published on:
30 Apr 2022 11:49 pm
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