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बड़ी खबर: सेबी ने जेन स्ट्रीट से 4,843 करोड़ वसूली का आदेश दिया, जानिए क्यों हुआ एक्शन

सेबी ने जेन स्ट्रीट पर ₹4,843 करोड़ की वसूली का अंतरिम आदेश जारी किया है, जिसे कारण बताओ नोटिस नहीं माना गया है।

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Jul 04, 2025

SEBI Jane Street index manipulation India: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अमेरिका की निवेश फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप के खिलाफ 4,843.57 करोड़ रुपये की वसूली का अंतरिम आदेश (SEBI Jane Street order) दिया है। सेबी सूत्रों के अनुसार, यह आदेश कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) नहीं माना जाना चाहिए। अंतरिम आदेश सिर्फ कुछ विशेष दिनों की गतिविधियों को देखता है - जैसे जनवरी 2023 से मार्च 2025 के बीच 18 दिन बैंक निफ्टी में और मई 2025 में 3 दिन निफ्टी में संदिग्ध ट्रेडिंग हुई। सूत्रों के अनुसार अन्य एक्सपायरी दिनों व इंडेक्स पर भी निगरानी रखी जा रही है। एक्सचेंजों पर जांच (Jane Street India investigation) अभी जारी है। सूत्रों का कहना है कि सेबी का मुख्य उद्देश्य बाजार में अत्यधिक जोखिम भरे व्यवहारों पर रोक लगाना है, खासतौर पर इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग (index manipulation India) के जरिए होने वाले संभावित हेरफेर पर। अब डेल्टा-आधारित सीमा लागू कर दी गई है, जिससे जोखिम नियंत्रण में रहेगा।

एफएंडओ में खुदरा निवेशकों की भागीदारी और नुकसान पर भी चिंता

सेबी ने यह भी माना है कि 90% खुदरा निवेशकों को इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान हो रहा है। अल्पकालिक ट्रेडिंग से बचने और लंबी अवधि के हेजिंग व निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत बताई गई है।

भारत का बाजार बड़े संस्थागत खिलाड़ियों के सामने आंखें मूंद कर नहीं बैठा

बाजार विश्लेषकों और नियामकीय विशेषज्ञों ने सेबी के इस अंतरिम आदेश को "कठोर लेकिन जरूरी" कदम बताया है। जेन स्ट्रीट जैसे वैश्विक फर्म पर कार्रवाई से यह संदेश गया है कि भारत का बाजार अब बड़े संस्थागत खिलाड़ियों के सामने भी आंखें मूंद कर नहीं बैठा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी की सक्रियता से भारतीय बाजारों में पारदर्शिता बढ़ेगी और निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा।

सेबी की कार्रवाई के इस मामले से सुलगते सवाल

क्या जेन स्ट्रीट इस आदेश को SAT (सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल) में चुनौती देगा ?

क्या अन्य वैश्विक निवेश फर्मों की ट्रेडिंग गतिविधियों की भी जांच होगी ?

क्या सेबी इंडेक्स ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए अतिरिक्त सख्ती लाएगा, खासकर एक्सपायरी वाले दिनों में ?

फॉलोअप कवरेज का फोकस: आगामी हियरिंग, SAT या कोर्ट रुख, और सेबी की नीतिगत घोषणाएं।

खुदरा निवेशक का नुकसान

रिपोर्ट में 90% से ज्यादा खुदरा निवेशकों को नुकसान होने का जिक्र एक बड़ी चिंता है। क्या खुदरा निवेशकों को इंडेक्स ऑप्शन से दूर रहने की सलाह दी जानी चाहिए ?

मार्केट में फॉरेन फंड्स का दबदबा

विदेशी संस्थानों द्वारा अत्यधिक डेटा-संचालित ट्रेडिंग से बाजार में अस्थिरता का खतरा बढ़ रहा है। इस मामले से भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए नए जोखिम सामने आ सकते हैं।

नियामकीय सुधारों की जरूरत

डेल्टा-आधारित सीमाएं तो लागू हो गईं, लेकिन क्या हमें लॉन्ग टर्म ऑप्शन स्ट्रक्चर, ट्रेडिंग कूलिंग ऑफ मैकेनिज्म जैसे नए सिस्टम लाने की जरूरत है ?

SEBI का निष्कर्ष: जेन स्ट्रीट ने चेतावनी के बावजूद अपनाई जोखिमभरी रणनीति

सेबी ने अपने 105-पेज के आदेश में कहा कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की संस्थाओं ने फरवरी 2025 में एनएसई की चेतावनी के बावजूद, उन्हीं बाजार-विकृत करने वाली रणनीतियों को दोहराया। यह "लाभ अधिकतम करने की योजना" थी जिससे उन्होंने भारी मुनाफा कमाया और हेरफेर के संकेत मिले।

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