
सोशल मीडिया दिग्गज Meta द्वारा मेटावर्स में किए गए भारी निवेश को लेकर मशहूर अर्थशास्त्री डीन बेकर ने कड़ी आलोचना की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अर्थशास्त्री डीन बेकर ने अपने एक समाचार पत्र में कहा, "क्या मार्क जुकरबर्ग ने हमारे 77 बिलियन डॉलर टॉयलेट में फेंक दिए?" डीन बेकर का कहना है कि Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा मेटावर्स पर लगाया गया लगभग 77 अरब डॉलर का निवेश केवल कंपनी का नुकसान नहीं है, बल्कि इसका असर व्यापक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। उनका मानना है कि यह रकम ऐसे प्रोजेक्ट में झोंक दी गई, जिसका ठोस आर्थिक लाभ अब तक नजर नहीं आया।
बेकर के मुताबिक, इस परियोजना में बड़ी संख्या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्लानर और सपोर्ट स्टाफ लंबे समय तक जुड़े रहे। इसके अलावा ऑफिस स्पेस, कंप्यूटिंग संसाधन और बिजली जैसी भौतिक सुविधाओं का भी भारी इस्तेमाल हुआ। उनका तर्क है कि यदि इन संसाधनों का उपयोग किसी और उत्पादक क्षेत्र में किया जाता, तो समाज को अधिक लाभ मिल सकता था।
डीन बेकर ने यह भी संकेत दिया कि Meta के विस्तार और निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री का महंगे इलाकों में किफायती आवास जैसी जरूरतों के लिए उपयोग किया जा सकता था। उनके अनुसार, गलत निवेश के फैसले बजट पर असर डालने के साथ-साथ अवसर लागत (Opportunity Cost) के रूप में समाज को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
Meta भविष्य की तकनीक के रूप में मेटावर्स को अब भी अहम मानता है, लेकिन विशेषज्ञों की यह आलोचना बताती है कि बड़े टेक निवेशों का मूल्यांकन सिर्फ विजन के आधार पर नहीं, बल्कि वास्तविक सामाजिक और आर्थिक प्रभावों के आधार पर भी होना चाहिए। हालांकि, मेटा ने चाईनीज स्टार्टअप वाली एक एआई कंपनी मानुस (MANUS) को खरीदने की घोषणा भी की है। इससे मेटा एआई का अपने व्यवसाय में विस्तार करने की तैयारी में है।
Published on:
31 Dec 2025 03:06 pm
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